सबूतों के अभाव पर जज ने कहा- मैं बेबस हूं
मुंबई। गुजरात के सोहराबुद्दीन शेख एनकाउंटर केस में मुंबई की विशेष सीबीआई अदालत ने 22 आरोपियों को बरी कर दिया। (Sohrabuddin Encounter CBI Court Acquits 22 Accused) कोर्ट ने शुक्रवार को दिए फैसले में कहा कि षड्यंत्र और हत्या साबित करने के लिए गवाहों के बयान और सबूत संतोषजनक नहीं हैं। परिस्थिति जन्य साक्ष्य भी किसी को दोषी करार दिए जाने के लिए पर्याप्त नहीं हैं। स्पेशल सीबीआई जज एसजे शर्मा ने फैसला सुनाते हुए कहा- मैं असहाय हूं।
सरकारी मशीनरी और प्रॉसिक्यूशन ने बहुत प्रयास किए। 210 गवाह लाए गए। लेकिन संतोषजनक सबूत सामने नहीं आ सके। गवाह भी बयानों से पलट गए। अगर गवाह बोलेंगे ही नहीं तो इसमें प्रॉसिक्यूटर का कोई कसूर नहीं है। सोहराबुद्दीन की नवंबर 2005 में (Sohrabuddin Encounter CBI Court Acquits 22 Accused) पुलिस एनकाउंटर में मौत हुई थी। सीबीआई जांच में दावा किया गया था कि पुलिस ने सोहराबुद्दीन, उसकी पत्नी कौसर बी और उसके सहयोगी तुलसीराम प्रजापति का फर्जी एनकाउंटर किया है। हालांकि, कोर्ट ने तुलसीराम प्रजापति की साजिशन हत्या होने के आरोपों को गलत करार दिया।
सोहराबुद्दीन शेख एनकाउंटर का मामला 13 साल पुराना
सीबीआई ने इस एनकाउंटर को राजनीतिक और वित्तीय फायदों के लिए रची गई साजिश बताया था। सुप्रीम कोर्ट (Sohrabuddin Encounter CBI Court Acquits 22 Accused) के आदेश के बाद यह केस गुजरात से मुंबई के स्पेशल कोर्ट में ट्रांसफर किया गया था। इस मामले में कुल 38 लोग आरोपी थे। इनमें गुजरात के तत्कालीन गृह मंत्री और मौजूदा भाजपा अध्यक्ष अमित शाह समेत 16 आरोपी पहले ही बरी किए जा चुके हैं। गुजरात पुलिस ने अपनी जांच में दावा किया था सोहराबुद्दीन आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा हुआ था और उस समय गुजरात के मुख्यमंत्री रहे नरेंद्र मोदी की हत्या की साजिश रच रहा था।
सीबीआई का दावा था- सोहराबुद्दीन को अगवा कर उसकी हत्या की गई
सीबीआई की जांच में सामने आया कि 22 नवंबर 2005 को सोहराबुद्दीन, उसकी पत्नी कौसर बी और उसके सहयोगी तुलसीराम प्रजापति को गुजरात पुलिस ने एक बस से अगवा किया था। उस दौरान सोहराबुद्दीन बाकी लोगों के साथ हैदराबाद से महाराष्ट्र के सांगली जा रहा था। सीबीआई ने बताया कि इसके चार दिन बाद सोहराबुद्दीन को अहमदाबाद के पास मार दिया गया था। सोहराबुद्दीन की पत्नी कौसर बी को 29 नवंबर को बनासकांठा जिले के एक गांव में ले जाया गया।
वहां उनका दुष्कर्म किया गया, फिर जान से मार दिया गया। इसके बाद 27 दिसंबर 2006 को गुजरात और राजस्थान पुलिस ने गुजरात-राजस्थान सीमा के पास गोली मारकर तुलसीराम की हत्या कर दी। 4 नवंबर 2018 को सुनवाई के दौरान एक चश्मदीद ने कोर्ट के सामने बयान दिया था कि शेख ने गुजरात के गृह मंत्री हरेन पांड्या की हत्या की थी। चश्मदीद ने कहा- 2003 में पांड्या की हत्या के लिए गुजरात के पूर्व आईपीएस डीजी वंजारा ने सोहराबुद्दीन को ऑर्डर दिए थे।
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