बिन पानी के दर्जनों गांवों में किसानों की भूमि हो रही है बंजर
भिवानी(सच कहूँ न्यूज)। जिला के गांव उमरावत सहित एक दर्जन गांवों की भूमि बिना सिंचाई के बंजर होती जा रही है, लेकिन प्रशासन का इस ओर कोई ध्यान नहीं है। भाजपा सरकार (4.5 years of government) ने करोड़ों रुपए की लागत लगाकर नहर का निर्माण करवाया था, लेकिन बिना पानी के सब बेकार हो गया। सरकार का कोई भी नुमाईंदा किसानों का दर्द जानने के लिए गांव में नहीं आया। जब वोट का समय होता है तो नहरी पानी का नाम लेकर अपने अपने वोट पकाने के लिए मीठी व चिकनी चुपड़ी बातें करके जनता को भ्रमित करते हैं। असल में किसी भी नेता ने किसानों की दु:ख तकलीफों क ो नहीं जाना।
केवल अपना वोट बैंक पूरा करने के लिए ही किसानों के पास जाते हैं। भाजपा सरकार जब सत्ता में आई तो लोगों को एक उम्मीद की किरण नजर आई कि अब उनके खेतों में एक बार फिर से फसलें लहलाऐंगी लेकिन वो भी उम्मीदें भी अब धूमिल होती नजर आ रही हैं क्योंकि सरकार के साढे चार बीत चुके हैं और स्थिति जैसे पहले भी ठीक वैसे ही है। उमरावत, सांगा, पूर्णपुरा, नांगल, अजीपुर, ढाणा लाडनपुर, ढाणा नरसान की लाखों हैक्टेयर भूमि बंजर हो चुकी है यहां पर किसान केवल बारिश पर आधारित रहते हैं अगर बारिश अच्छी होती है तो किसानों की फसलें अच्छी होती हैं नहरी पानी आए हुए तो 30 साल हो चुके हैं इस दौरान केवल जोहड़ को भरने के लिए ही पानी आता है।
सीएम से कर चुके हैं फरियाद | 4.5 years of government
किसान मांगेराम, औम प्रकाश, रामधारी, पुरूषोत्तम, भोलूराम, प्रमोद कुमार ने कहा कि भाजपा सरकार पर किसानों को बड़ी ही उम्मीदें थी कि उनकी फसलें अच्छी व बेहत्तर होंगी लेकिन बिना पानी के सभी बेकार हो गया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल के भिवानी आगमन दौरे के दौरान ग्रामीण उनसे मिले थे और उनकों
अपनी समस्या से अवगत भी करवाया था इस दौरान मुख्यमंत्री ने उनकी समस्या का संज्ञान लेते हुए अधिकारियों को भी दिशा निर्देश दिए थे लेकिन आज तक उनके खेत सूखे के सूखे ही पड़े हैं।
जनवरी माह के बाद किसानों को मिलना शुरू हो जाएगा पानी: एसडीओ
सिंचाई विभाग के एसडीओ विकास सहरावत ने कहा कि दादरी डिस्ट्रब्यूरी हैड का काम दौबारा से शुरू करवाया गया है जनवरी माह में निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा और किसानों को सिंचाई के लिए पानी मिलना शुरू हो जाएगा।
वहीं इस बारे में सरपंच दिनेश शर्मा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि जब भी वे शहर में जाते हैं तो पंचों के साथ में नहरी पानी की समस्या बारे उच्च अधिकारियों से मिलते हैं और उनकों अपनी समस्या का मांगपत्र भी देते हैं लेकिन अधिकारी व सरकार के नुमार्इंदे कोई संतोषजनक जवाब नहीं देते हैं।
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