किसानों ने निकाली ऐतिहासिक रैली, मोदी सरकार को अल्टीमेटम

NEW DELHI, NOV 30 (UNI):- Farmer from across the country assembled at Parliament Street during Kisan Mukti March to Parliament in support of their demands of passing the Kisan Mukti Bill and a special session of Parliament on the agrarian crisis, in New Delhi on Friday.UNI PHOTO-RK8U

कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी दल आए किसानों के साथ

नई दिल्ली (एजेंसी)। देश के कोने कोने से हजारों की तादाद में आये किसानों ने (Modi government ultimatum) अपनी मांगों को लेकर शुक्रवार को राजधानी में ऐतिहासिक रैली निकाल कर मोदी सरकार पर किसानों के साथ वादा खिलाफी करने का आरोप लगाते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को सत्ता से हटाने के लिए देश वासियों को आगे आने का आह्वान किया। किसानों के इस मार्च में विपक्षी दल कांग्रेस के साथ-साथ आप, वाम दल, नेशनल कांफ्रेंस, लोकतांत्रिक जनता दल, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, समाजवादी पार्टी आदि के नेतागण मौजूद रहे।

अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के बैनर तले देश के 208 जन संगठनों से जुड़े किसानों ने रामलीला मैदान से संसद मार्च तक विशाल रैली निकली और आसमान उनके नारों से गूंज उठा। संसद मार्ग थाने से लेकर बाराखंभा रोड चौराहे तक हाथ में झंडे और तख्तियां लिए चारों तरफ किसान ही किसान नजर आ रहे थे। बिहार बंगाल उत्तर प्रदेश, पंजाब, हिमाचल से लेकर महाराष्ट्र तमिलनाडु केरल और मिजोरम एवं असम समेत 27 राज्यों एवं केंद्र शासित क्षेत्र से आये ये गरीब किसान रामलीला मैदान से पैदल चलकर नारे लगते हुए संसद मार्ग पहुंचे।

जुमलों की सरकार ने वायदे नहीं निभाए: किसान

वक्ताओं ने मोदी सरकार पर तीखे हमले करते हुए उसे जुमलों की सरकार बताया और कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सत्ता में आने से पहले किसानों के लिए जो भी वादे किये थे उसमें से एक भी वादा नहीं निभाया। बल्कि उनके साथ धोखा किया। वक्ताओं ने कहा कि मोदी सरकार हर मोर्चे पर विफल रही और उसके कार्यकाल में पेट्रोल और डीजल ही नहीं, किसानों के खाद, बीज और बिजली के भी दाम बढ़ गये और उनके कर्ज माफ नहीं किये जबकि देश में आज हर 45 मिनट पर कहीं न कहीं कोई किसान आत्महत्या कर रहा है।

वक्ताओं ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने अब तक कॉपोर्रेट जगत को दस लाख करोड़ रुपये करों में छूट दी है और साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये के कर्ज माफ कर दिए जबकि किसान अपने कर्ज न चुकाने पर जेल की सजा भुगत रहा है। वक्ताओं ने मोदी सरकार से स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट लागू करने एवं किसानों से जुड़े दो महत्वपूर्ण विधेयक पारित कराने और संसद का एक विशेष सत्र कृषि संकट पर बुलाने की मांग की। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार किसानों की मांगें मानने की जगह समाज में दंगे फैलाने और मंदिर मस्जिद के मुद्दे को हवा दी रही है।

मिलकर लड़ेंगे किसानों के हक की लड़ाई : राहुल

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर किसानों तथा युवाओं की सुध नहीं लेने और चंद पूंजीपतियों के हित में काम करने का आरोप लगाया और उनकी पार्टी विपक्षी दलों के साथ मिलकर किसानों के हक की लड़ाई लड़ेगी। गांधी ने शुक्रवार को यहां संसद मार्ग पर ‘किसान मुक्ति मार्च’ में भाग लेने आए देशभर के किसानों की विशाल रैली को संबोधित करते हुए कहा कि जो सरकार किसान का काम नहीं कर सकती है उसे सत्ता में बने रहने का अधिकार नहीं है और उसे रहने भी नहीं ििदया जाना चाहिए। कांग्रेस अध्यक्ष जब किसानों को संबोधित कर रहे थे तो तब मंच पर उनके साथ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के सीताराम येचुरी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के डी राजा, नेशनल कांफ्रेंस के फारुख अब्दुल्ला, लोकतांत्रिक जनता दल के शरद यादव, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के शरद पवार, समाज वादी पार्टी के धर्मेंद्र यादव सहित कई प्रमुख नेता मौजूद थे। गांधी ने मंच पर आते ही केजरीवाल से हाथ भी मिलाया। गांधी ने कहा कि परेशान होकर देश का किसान आज दिल्ली आने को मजबूर हुआ है। सरकार उनके साथ न्याय नहीं कर रही है इसलिए कांग्रेस तथा विपक्षी दलों को मिलकर किसानों तथा युवाओं के भविष्य की लड़ाई लड़नी है।

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