राजस्थान भाजपा : प्रदेश नेतृत्व चाहता है 96 विधायकों को टिकट मिलें, अमित शाह केवल 60 को देने के पक्ष में

Rajasthan BJP: 96 MLAs Want State Ticket, Amit Shah Favors Giving 60 Only

शाह का मानना है कि एंटी-इन्कम्बेसी को दूर करने के लिए 100 से ज्यादा विधायकों को हटाया जाए

जयपुर।

राजस्थान में एक माह तक चली रायशुमारी और कई बैठकों के बावजूद भाजपा में उम्मीदवारों को लेकर स्थिति साफ नहीं है। प्रदेश नेतृत्व 95 से ज्यादा विधायकों को फिर से टिकट देना चाहता है। इनके अलावा 65 अन्य सीटें भी ऐसी हैं, जिन पर मौजूदा विधायक के साथ अन्य नाम भी विचाराधीन हैं, लेकिन केंद्रीय नेतृत्व का जोर नए चेहरों पर है।

प्रदेश में भाजपा के 160 विधायक हैं। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अमित शाह की टीम प्रदेश में एकबार भाजपा और एक बार कांग्रेस के ट्रेंड को तोड़कर फिर सत्ता में आने की कवायद में जुटी है। टिकटों पर माथापच्ची चल रही है। सिंगल की बजाय हर सीट के लिए एक से तीन नाम मांगे हैं। इस बात को भी नामंजूर कर दिया गया कि जिन विधायकों के टिकट काटे जाएं, उनके बेटे-पोते या परिवार के अन्य सदस्य को टिकट दिए जाएं।

केंद्रीय नेतृत्व का मानना है कि एंटीइन्कम्बेसी को दूर करने के लिए कम से कम 100 से ज्यादा विधायकों को मैदान से हटाया जाए। यही कारण है कि दिल्ली में केंद्रीय नेतृत्व के साथ हुई बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने प्रदेश नेतृत्व के पैनल को खारिज कर दिया।

फिर से नाम तय करने को कहा: केंद्रीय नेतृत्व ने प्रदेश के बड़े नेताओं को फिर से नाम तय करने की जिम्मेदारी दी है। ओम माथुर को अलवर, चंद्रशेखर को जयपुर, गजेंद्रसिंह शेखावत को बीकानेर, राजेंद्र राठौड़ को गंगानगर, ओम बिड़ला को भरतपुर, निहालचंद मेघवाल को टोंक और अर्जुनराम मेघवाल को नागौर की जिम्मेदारी दी गई है। इनसे कहा है कि वे 11 नवंबर से पहले जिताऊ दावेदारों की सूचियों के साथ जातीय समीकरण, 1952 से लेकर अब तक हुए चुनावों के ट्रेंड समेत तमाम तरीके के सर्वे के साथ रिपोर्ट सौंपें।

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