राष्ट्रीय हरित अधिकरण द्वारा 7 अप्रैल, 2015 को पुराने डीजल वाहनों पर पाबंदी के दिए थे निर्देश
नई दिल्ली (सच कहूँ) Edited By Vijay Sharma । दिल्ली सरकार ने उच्चतम न्यायालय को सूचित किया कि परिवहन विभाग ने राष्ट्रीय राजधानी में पंजीकृत 1.10 करोड़ वाहनों में से 40 लाख 15 साल से अधिक पुराने पेट्रोल और 10 साल से ज्यादा पुराने डीजल वाहनों का पंजीकरण खत्म कर दिया है। दिल्ली सरकार ने यह जानकारी न्यायालय से साझा की, हालांकि शीर्ष अदालत ने इस बात पर नाराजगी जाहिर की थी कि दिल्ली में इतने अधिक पुराने वाहनों के परिचालन पर पाबंदी लगाने के राष्ट्रीय हरित अधिकरण और शीर्ष अदालत के 2015 के आदेशों पर अभी तक अमल नहीं किया गया है।
दिल्ली सरकार ने क्या कहा?
दिल्ली सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे अधिवक्ता वसीम कादरी ने पीठ से कहा कि इस तरह के वाहनों को दिल्ली की सड़कों पर चलने की इजाजत नहीं दी जायेगी। केन्द्र और केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से अतिरिक्त सालिसीटर जनरल एएनएस नाडकर्णी ने पीठ को बताया कि न्यायालय के 29 अक्टूबर के आदेश के अनुरूप प्रदूषण के बारे में शिकायत दर्ज कराने के लिये ट्विटर और फेसबुक पर नागरिकों की सुविधा के लिये अकाउंट खोल दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि बुधवार तक इन अकाउंट पर 18 शिकायतें मिली हैं। उन्होंने कहा कि बोर्ड ने अपनी वेबसाइट का लिंक भी दिया है, जहां दिल्ली-एनसीआर में 15 साल पुराने पेट्रोल और 10 साल पुराने डीजल वाहनों की सूची देखी जा सकती है।
- दिल्ली सरकार की ओर से पेश वकील से शीर्ष अदालत ने कहा कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण द्वारा सात अप्रैल, 2015 को अपने आदेश में दिल्ली-एनसीआर में 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों और 10 साल पुराने डीजल वाहनों के प्रचालन पर पाबंदी लगाने के निर्देश दिए थे।
- यही नहीं, ऐसे वाहनों के प्रचालन पर पाबंदी लगाने के अधिकरण के निर्देशों के खिलाफ दायर याचिका शीर्ष अदालत ने मई, 2015 में खारिज कर दी थी।
- पीठ ने कहा, ‘‘साढ़े तीन साल बीत गये परंतु ऐसा लगता है कि अधिकरण के आदेश और इस न्यायालय द्वारा उनकी पुष्टि के बाद भी उनपर अभी अमल नहीं हो रहा है। दिल्ली सरकार के वकील से कहा गया है कि वह अपने मुवक्किल को तत्परता से कार्रवाई करने की सलाह दें।’’
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