सच कहूँ/राजेन्द्र दहिया फरीदाबाद।
गरीबी में मुफलिसी की जिंदगी जी रहे तीन बहन और एक भाई ने फांसी के फंदे से लटककर की आत्महत्या। जी हां मामला दिल्ली से सटे फरीदाबाद के दयालबाग का है, जहां गरीबी और बीमारी से परेशान होकर तीनों बहनों ने अपने भाई के साथ मौत को गले लगा लिया। परिवार के चारों लोग एक ही मकान में रह रहे थे और सभी की उम्र 30 से 40 साल के बीच बताई जा रही है। मृतकों ने एक सुसाइड नोट भी छोड़ा है, जिसमें उन्होंने लिखा है कि उनकी मौत के लिए कोई जिम्मेदार नहीं है। इसके पीछे कुछ ही दिन पहले मां बाप की मौत, गरीबी और बीमारी को वजह बताया है। दर्दनाक और रोंगटे खड़े कर देने वाली इस घटना के पीछे दिल्ली एनसीआर जैसी जगह पर गरीबी की वजह से मौत को गले लगाने के पीछे भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
बता दें कि दयालबाग सूरजकुंड क्षेत्र में दिल्ली से सटा हुआ एरिया है, जहां प्रदीप अपनी बहन मीणा जया और बीना के साथ एक ही मकान में किराए पर रहता था। इनके पिता और मां की मौत भी करीब 1 से 2 महीने पहले ही हुई थी। चारों अविवाहित थे और कोई भी काम धंधा नहीं करते थे। शनिवार सुबह अपार्टमेंट में चौकीदारी करने वाले राजकुमार ने पुलिस को सूचना दी कि एक मकान से बदबू आ रही है और कुछ लोगों के मृत पड़े होने के सूचना है। इस पर मौके पर पहुंची पुलिस ने जाकर देखा तो तीनों बहन और भाई के साथ मकान में अलग-अलग कमरों में फांसी के फंदे पर झूलते दिखाई दिए।
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