समस्याओं को लेकर पिछले 4 साल से नहीं हो रही सुनवाई
चंडीगढ़ (सच कहूँ/अश्वनी चावला) । प्रदेश में 5 हजार से अधिक स्वतंत्रता सेनानी (Freedom Fighters) और लाखों आश्रितों द्वारा अपनी समस्याओं को लेकर सरकार के खिलाफ पजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की शरण लेने का मन बना लिया है। इसके लिए जल्दी ही एक जनहित याचिका दायर करेंगे। प्रदेश के मुख्यमंत्री के सामने पिछले 4 साल से अपनी समस्याए रख रहे हंै, मगर कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
हरियाणा में भाजपा की सरकार आजाद हिंद फौज के स्वतंत्रता सेनानी व उनके परिवारों को दरकिनार कर पोलटिक्ल मूमैंट वाले व सत्यग्राही के परिवारों पर मेहरबान हो रही है। जिसके कारण पिछले 4 साल से हरियाणा स्वतंत्रता सेनानी समान समिति का गठन भी नहीं किया। ये परिवार देश के अन्य राज्यों की तर्ज पर हरियाणा में भी लाभ दिये जाने की मांग कर रहे हैं।
प्रदेशभर में इस समय स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की संख्या काफी कम हो चुकी है, इसी तरह से उनकी विधवाएं भी कम हैं। परिवारों की मांग है कि दोनों के निधन के बाद में उस परिवार के अन्य सदस्यों को भी कोई ना कोई आर्थिक मद्द जारी रखी जाए, इसके साथ ही दो फीसदी आरक्षण इन परिवारों के सदस्यों को नौकरी में अलग से दिया जाए।
पंजाब, चंडीगढ़, उतरप्रदेश, बिहार, गोवा, उतराखंड व हिमाचल प्रदेश में नौकरियों में 2 प्रतिशत खुला आरक्षण है। उतर प्रदेश में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने नौकरियों में 2 प्रतिशत आरक्षण सभी प्रदेशों में देने के आदेश दिए हुए है। वहीं हरियाणा स्वतंत्रता सेनानी व उत्तराधिकारी समितित के सदस्यों रमेश पाल गोयत, ओमप्रकाश, सुरेंद्र डूडी, सुरेंद्र जागलान, कर्म सिंह, मनवीर धमेंद्र यादव, दिलबाग अंबाला ने इस संबंध में सरकार से जल्द ही कोई ठोस कदम उठाने की मांग की है।
प्रदेश में 453 स्वतंत्रता सेनानी विधवाएं च 45 स्वंतत्रता सेनानी Freedom Fighters बचे
हरियाणा में स्वतंत्रता सेनानियों की संख्या लगभग 5500 के करीब है। लेकिन उम्र और बुजुर्ग होने के बाद में काफी स्वर्गवासी हो चुके हैं। धीरे-धीरे यह संख्या दो अंकों में सिमट गई है। आकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो प्रदेश में 453 स्वतंत्रता सेनानी विधवाएं, जबकि 45 स्वंतत्रता सेनानी बचे हैं। जबकि स्वतंत्रता सेनानियों की संख्या पर नजर डालें, तो अब केवल और केवल मात्र 45 रह गई है। जबकि इन पर डिपेंडेंट की संख्या 21 से नीचे आ गई गई है।
कांग्रेसी राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला सदन में उठा चुके मुद्दा
वर्तमान में कांग्रेसी विधायक और राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने सदन में पूरा मामला उठाते हुए आजाद हिंद फौज के सिपाहियों का रिकॉर्ड सहेजने व तैयार करने की मांग की थी। इस क्रम में राज्य अभिलेखागार विभाग कई बार इन परिवारों से रिकॉर्ड भी मंगवा चुका है। उसके बाद भी रिकॉर्ड का काम आधा-अधूरा पड़ा हुआ है।
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