अमरावती (एजेंसी)। महाराष्ट्र की एक स्थानीय अदालत ने 2010 के एक मामले में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और 15 अन्य के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। यह मामला गोदावरी नदी पर बबली परियोजना के विरोध प्रदर्शन से जुड़ा हुआ है।नांदेड़ जिले में धर्माबाद के प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट एनआर गजभिये ने आदेश जारी कर पुलिस को सभी आरोपितों को 21 सितंबर तक अदालत में प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। चंद्रबाबू नायडू व अन्य उस समय संयुक्त आंध्र प्रदेश में विपक्ष में थे और उन्हें गिरफ्तार कर पुणे की जेल में रखा गया था।
सभी आरोपितों को 21 सितंबर तक अदालत में प्रस्तुत करने का निर्देश
एक महाराष्ट्र निवासी की याचिका पर अदालत ने यह आदेश पांच जुलाई को जारी किया था और इसे 16 अगस्त तक कार्यान्वित किया जाना था, लेकिन अब इसके कार्यान्वयन की अवधि बढ़ाकर 21 सितंबर कर दी गई है। नायडू के अलावा इस मामले में राज्य के जल संसाधन मंत्री देवीनेनी उमामहेश्वर राव, सामाजिक कल्याण मंत्री एन. आनंद बाबू, पूर्व विधायक जी. कमलाकर (जो बाद में टीआरएस में शामिल हो गए थे) समेत टीडीपी के कई कार्यकर्ता आरोपित हैं।अदालत के इस आदेश पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए चंद्रबाबू नायडू के पुत्र एवं आंध्र प्रदेश के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री एन. लोकेश ने कहा कि उनके पिता अदालत में प्रस्तुत होंगे। उन्होंने तेलंगाना के लोगों के हितों की रक्षा के लिए लड़ाई लड़ी थी। जब उन्हें गिरफ्तार किया गया था तो उन्होंने जमानत तक लेने से इनकार कर दिया था।
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