भरतपुर (एजेंसी)। राजस्थान के इतिहास में अनेक युद्ध हुए हैं जो राज्य की विरासत एवं संस्कृति का अभिन्न अंग हैं। इन ऐतिहासिक युद्धों में प्रदर्शित बहादुरी एवं साहस के कारण उत्पन्न भावनात्मक लगाव आम लोगों को आकर्षित करता है। यदि ऐतिहासिक युद्ध भूमियों पर उपयुक्त बुनियादी ढांचा बनाया जाए तो राज्य में बैटलफील्ड टूरिज्म में सकारात्मक रूझान प्राप्त हो सकते है।दक्षिण पश्चिम कमान के आर्मी कमांडर, लेफ्टिनेंट जनरल चेरिश माथसन(Cherish Mathson) ने आज यहां इंडियन हेरिटेज होटल्स एसोसिएशन (आईएचएचए) के सातवें कन्वेंशन में ह्यबैटलफील्ड टूरिज्मह्य पर आयोजित कार्यशाला को सम्बोधित कर रहे थे। राज्य में बैटलफील्ड टूरिज्म की शुरूआत करने के लिए आवश्यक जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि बैटलफील्ड टूरिज्म को पर्यटन क्षेत्र की उप-शैली अथवा उप-श्रेणी के रूप में मानना चाहिए। युद्धक्षेत्रों तक लोगों की पहुंच को सुलभ बनाया जाना चाहिए तथा होटल एवं परिवहन सेवाएं ,जैसा बुनियादी ढांचा स्थापित किया जाना चाहिए।
शिक्षित टूरिस्ट गाइडों का निकाय भी बनाया जाना चाहिए
उन्होंने कहा कि राजस्थान के पर्यटन क्षेत्र में यह अनूठा प्रयोग लोगों के रूझान जानने के लिए पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त शिक्षित टूरिस्ट गाइडों का निकाय भी बनाया जाना चाहिए, जिन्हें विभिन्न युद्धों के बारे में गहरी जानकारी होनी चाहिए। पर्यटकों को जानकारी उपलब्ध करने वाले इन टूरिस्ट गाइडों को बहुभाषी भी होना चाहिए। उन्होंने बताया कि जैसलमेर के ह्यवार म्यूजियमह्य को देखने अनेक पर्यटक आते हैं। उन्होंने बताया कि कुछ विशेष दिनों पर ह्यवार म्यूजियमह्य देखने आने वाले पर्यटकों की संख्या जैसलमेर के किले पर आने वालों से अधिक होती है।
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