नई दिल्ली((एजेंसी)। सोमवार के कारोबार में डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट और गहरा गई। सुबह के 10 बजकर 15 मिनट पर डॉलर के मुकाबले रुपया 72.32 पर पहुंच गया। गौरतलब है कि शुक्रवार के कारोबार में रुपया डॉलर के मुकाबले 71.73 पर बंद हुआ था। केडिया कमोडिटी के प्रमुख अजय केडिया ने बताया कि रुपये की स्थिति अभी भी चिंताजनक है। अगर सितंबर तिमाही की बात करें तो रुपया 73.67 से 74 की रेंज में कारोबार करता नजर आ सकता है। वहीं अगर साल 2018 की बात करें तो रुपया 75 का स्तर भी छू सकता है।
रुपये में गिरावट के बड़े कारण:
- कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग लिमिटेड के रिसर्च हेड डॉ रवि सिंह ने बताया कि रुपये में गिरावट के प्रमुख कारण निम्न हैं..
- चीन और अमेरिका के बीच जारी ट्रेड वॉर से डॉलर मजबूत हो रहा है जो कि सीधे तौर पर रुपये पर असर डाल रहा है।
- आरबीआई अभी तक करीब 22 बिलियन डॉलर का फॉरेक्स रिजर्व का इस्तेमाल कर चुका है ताकि रुपये की स्थिति संभले लेकिन हालात अभी नहीं सुधरे हैं।
- स्टॉक मार्केट में भी तेजी जारी है जिससे एफआईआई प्रॉफिट बुकिंग कर रहे हैं और बाजार से डॉलर खींच रहे हैं।
- क्रूड की बढ़ती कीमतें भी रुपये की इस स्थिति के लिए जिम्मेदार हैं।
डॉलर के मुकाबले रुपये की गिरावट को थामने के लिए क्या कुछ कुछ कर सकती है सरकार:
अगर तुरंत प्रभाव से कोई एक्शन लेना हो तो सरकार अपने विदेशी मुद्रा भंडार में जमा डॉलर की निकासी कर सकती है और रुपये की ढहती स्थिति को थोड़ा सहारा दे सकती है।सरकार एनआरआई डिपॉजिट स्कीम शुरु कर सकती है, जिससे कि एनआरआई अपने पास जमा डॉलर को डिपॉजिट करना शुरू कर देंगे और भारत में डॉलर आ जाएगा। इससे भी रुपया सुधर सकता है।सरकार इंपोर्ट ड्यूटी को बढ़ा सकती है। हमारे देश में गोल्ड, रिफाइनरी और इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम्स का ज्यादा आयात होता है। इन पर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ने से इन उत्पादों का आयात कम होगा लिहाजा देश से डॉलर कम निकलेगा।
Hindi News से जुडे अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter पर फॉलो करें।