राष्टपति व पीएम ने वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) के निधन पर जताया शोक
नई दिल्ली (एजेंसी)। भारतीय राजनीति के शिखर पुरूषों में शुमार पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) का लंबी बीमारी के बाद वीरवार को अपराह्न यहां अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में निधन हो गया। वह 93 वर्ष थे और कई वर्षों से अस्वस्थ चल रहे थे। एम्स ने शाम साढ़े पांच बजे के करीब मेडिकल बुलेटिन जारी कर बताया कि वाजपेयी ने पांच बजकर पांच मिनट पर अंतिम सांस ली। अस्पताल के अनुसार पिछले 36 घंटे से उनकी हालत लगातार बिगड़ रही थी और उन्हें जीवन रक्षक प्रणाली पर रखा गया था। तमाम कोशिशों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका। उन्हें गत 11 जून को एम्स में भर्ती किया गया था।
तीन बार देश के पीएम रहे ‘भारत रत्न’ अटल (Atal Bihari Vajpayee)
बीजेपी के संस्थापक सदस्यों में शामिल वाजपेयी पहली बार साल 1996 में देश के पीएम बने। दूसरी बार साल 1998 में पीएम बने और चुनाव में जीत के बाद तीसरी बार साल 1999 में पीएम बने और साल 2004 तक रहे। साल 2015 में मोदी सरकार ने उन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाजा था।
कवि के रूप में बनाना चाहते थे अपनी पहचान
अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) देश में एक अच्छे कवि के रूप में जाने जाते हैं। एक बार उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था कि वह एक राजनेता के रूप में नहीं बल्कि एक कवि के रूप में अपनी पहचान बनाना चाहते हैं।
हर भारतीय को प्रेरणा मिलेगी वाजपेयी से -मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) के निधन पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए वीरवार को कहा कि उनकी प्रेरणा और मार्गदर्शन हर भारतीय को हमेशा मिलता रहेगा। मोदी ने ट्वीटर पर भावपूर्ण श्रृद्धांजलि अर्पित करते हुए लिखा, ‘मैं नि:शब्द हूं, शून्य में हूं, लेकिन भावनाओं का ज्वार उमड़ रहा है। हम सभी के श्रद्धेय अटल जी हमारे बीच नहीं रहे।
अपने जीवन का प्रत्येक पल उन्होंने राष्ट्र को समर्पित कर दिया था। उनका जाना, एक युग का अंत है। उन्होंने लिखा, ‘लेकिन वो हमें कहकर गए हैं- ‘मौत की उमर क्या है? दो पल भी नहीं, जिन्दगी सिलसिला, आज कल की नहीं मैं जी भर जिया, मैं मन से मरूं, लौटकर आऊँगा, कूच से क्यों डरूं?
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