‘अपनी जिंदगी खुद जीना चाहती हूं, प्लीज इस अनाथ आश्रम (Orphanage) से निकालो’
गन्नौर(सच कहूँ न्यूज)। ‘‘मैं अपनी जिंदगी को अब अपने आप जीना चाहती हूं, मुझे यहां जेल जैसा फील होता है, और अपने फैसले खुद नहीं लेने दिए जाते और हम अपना जीवन आम बच्चों जैसा नहीं जी पाते। यहां न कोई इंग्लिश टीचर है और न ही कंप्यूटर कोर्स करवाया जा रहा ताकि हम भी अपना भविष्य चमका पाएं। प्लीज मुझे यहां से निकाला जाए। कृप्या मुझे आगे बढ़ने में मदद दें’… हरियाणा महिला आयोग के नाम पत्र लिखकर यह पीड़ा बयां की है सोनीपत के बड़ी गांव स्थित ललिता ज्योति अनाथाश्रम (Orphanage) 21 वर्षीय दिशा ने।
पत्र में उसने साफ कहा है कि वह अब यहां नहीं रहना चाहती, उसे यहां से बाहर निकाला जाए। 12वीं कक्षा की परीक्षा दे चुकी दिशा का कहना है कि आश्रम की तरफ से उसे आगे कोई कोर्स नहीं करवाया जा रहा है। वह आश्रम से निकल कर अपने पैरों पर खड़ा होना चाहती है, लेकिन उसे आश्रम से बाहर जाने नहीं दिया जा रहा है।
दिशा ने बताया कि वह अपनी यह मांग आश्रम में आने वाले हर अधिकारियों के समक्ष रखती है, लेकिन उसकी कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है। दिशा ने लिखित में महिला आयोग की सदस्य को लिखित में शिकायत देकर उसे आश्रम से बाहर निकलवाने की गुहार लगाई। दरअसल बुधवार को हरियाणा महिला आयोग की सदस्य सोनिया अग्रवाल ने अनाथआश्रम (Orphanage) का दौरा किया।
इस दौरान सोनिया अग्रवाल ने आश्रम की व्यवस्था का निरीक्षण करते हुए आश्रम में रह रही बच्चियों से बातचीत की। आश्रम में रह रही बच्चियों ने बताया कि आश्रम में उन्हें किसी तरह की आजादी नहीं है।
मंत्री कविता जैन के समक्ष जाएगा मामला
महिला आयोग सदस्य सोनिया अग्रवाल ने कहा कि वह हरियाणा महिला एवं बाल विकास मंत्री कविता जैन और उपायुक्त विनय सिंह से इस बारे में बातचीत कर कोई न कोई हल निकलवाएंगी।अग्रवाल ने आश्रम के खातों में आने में वाले फंड के बारे में भी जानकारी ली, लेकिन पूरे दस्तावेज न होने की वजह से उन्हें एक सप्ताह के भीतर सभी दस्तावेज अपने मुख्य कार्यालय से मंगवाने के निर्देश दिए।
वे अगले सप्ताह फिर से आश्रम का दौरा कर व्यवस्थाओं का जायजा लेंगी। उन्होंने कहा कि आश्रम में रहने वाली लड़कियों को उचित सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। लड़कियों को किसी चीज की आजादी नहीं दी गई है।
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