…समाज का सबसे ज्यादा भला करने वाला प्राणी है गाय

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गाय को सड़कों पर छोड़ने से नही बल्कि घर में
रखने से मिलते हंै ढ़ेरों फायदे

  • गऊ के फायदे इतने कि इसे कहा जा सकता है सोने का अंड़ा देने वाली मुर्गी

सच कहूँ स्पेशल/देवीलाल बारना/कुरुक्षेत्र। बेशक हिंदू धर्म में गाय को माता का नाम दिया गया है, लेकिन गाय ही वह पशु है जिसकी सबसे ज्यादा बेकद्री देखी जा सकती है। आए दिन गऊएं सड़कों पर वाहनों के नीचे मरती देखी जा सकती हैं। यह भी कहना गलत न होगा कि आज गाय राजनैतिक शतरंज का मोहरा बन गई है। राजनैतिक दलों ने गाय को राजनैतिक पशु बना दिया है जिसके बल पर विभिन्न राजनैतिक दल वोटों का दोहन करने का काम कर रहे हैं।

लेकिन आमजन के लिए गाय के फायदे समझना सबसे ज्यादा आवश्यक है क्योंकि गाय ही एकमात्र ऐसा प्राणी है जो मरते दम तक समाज की भलाई का काम निष्काम भाव से करती है और जिसका मलमूत्र भी उपयोगी माना जाता है। शायद इसलिए वेदों में गाय को कामधेनू कहा गया है। वैज्ञानिक रिसर्च में यह साबित हो चुका है कि गाय के दूध में प्रोटीन, काबोर्हाईडे्रट, मिनरल्स और विटामिन डी होता है, जोकि रोग प्रतिरोधक क्षमता और मनुष्य के मानसिक विकास में सहायक होता है।

लेकिन इसके बावजूद आज की स्थिति की ओर यदि नजर दौडाई जाए तो सड़कों से गायों को दूर हटाने के लिए प्रशासन के पास गऊशलाएं कम पड़ रही हैं। जिन गऊओं को आज गऊशालाओं में भेजा जा रहा है, उन गऊओं को आमजन के बाड़े में रहना आवश्यक है।

ब्लड प्रैसर कंट्रोल करने में कारगर है गाय

विशेषज्ञों के अनुसार गाय के शरीर पर प्रतिदिन 15-20 मिनट हाथ फेरने से ब्लड प्रैसर जैसी बीमारी ठीक हो जाती है। गाय एकमात्र ऐसा प्राणी है जो आक्सीजन लेती है और आक्सीजन का ही विसर्जन करती है। गाय के दूध में रेडियो विकिरण से रक्षा करने की सबसे ज्यादा शक्ति होती है। गाय का दूध दिल की बिमारियों से बचाता है। वहीं गाय के गोबर में हैजे के कीटाणुओं को नष्ट करने की शक्ति होती है। क्षय रोगियों को गाय के नजदीक रखने से गोबर की गंध से क्षय रोग के कीटाणु नष्ट हो जाते हैं।

खेतों के लिए अमृत का काम करता है गौमूत्र व गोबर

कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. हरिओम का कहना है कि जीरो बजट कृषि पूर्ण रूप से गाय के गोबर व गौमूत्र पर आधारित है। यानि कि फसल उगाने के बाद गौमूत्र व गोबर के दम पर कटाई तक पहुंचाया जा सकता है। गौमूत्र व गोबर के प्रयोग से खेतों में जीवाणु तैयार होते हैं। जिससे खेतों में नाईट्रोजन की मात्रा व अन्य पोषक तत्व बढ़ जाते हैं, केचूंओं की संख्या बढ़ जाती है। वहीं लगातार खेतों में गौमूत्र व गोबर का प्रयोग करने से खेतों में नमी की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे फसलें सूखा पडने से कम प्रभावित होती हैं।

गाय का दूध है सर्वगुण सम्पन्न : डा. सुरेंद्र गोयल

गुरुकुल कुरुक्षेत्र के गौ चिकित्सक डा. सुरेंद्र गोयल का कहना है कि गाय का दूध सर्वगुण सम्पन्न आहार है। यह तो हो सकता है कि विदेशी गाय देसी गाय से ज्यादा दूध दे दें। लेकिन जो पोषक तत्व देसी गाय के दूध में हैं, वे विदेशी गायों या भैंस के दुध में कभी नही हो सकते। एक अच्छी नस्ल की देसी गाय एक दिन में 25 लीटर तक दूध दे सकती है। गाय का घी आयुर्वेद में अनेक दवाओं में प्रयोग किया जाता है। कहा जाता है कि गाय के मूत्र में सोने के कण पाए जाते हैं।

गऊ के फायदे इतने कि कहा जा सकता है सोने का अंड़ा देने वाली मुर्गी

गाय समाज को इतना कृछ देती है जिसके बल पर गऊ को सोने का अंड़ा देने वाली मुर्गी कहना भी गलत न होगा। एक रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका हर साल भारत से गाय का मूत्र आयात करता है जिससे अमेरिका कैंसर की दवा बनाता हैं। वहीं हमारे शास्त्रों मे करोड़ो वर्षों पहले से इसका महत्व बताया गया है। गौमूत्र में नाइट्रोजन, ताम्र, फास्फेट, यूरिया, यूरिक एसिड, पोटाशियम, सल्फेट, फास्फेट, क्लोराइड और सोडियम की विभिन्न मात्राएं पायी जाती हैं।

गौमूत्र न केवल रक्त के सभी तरह के विकारों को दूर करने वाला बल्कि कफ, वात व पित्त संबंधी तीनं दोषों का नाशक, हृदय रोगों व विष प्रभाव को खत्म करने वाला, बल बुद्धि देने वाला बताया गया है। इसके अलावा भी अनेकों बिमारियां ऐसी हैं जिसे गाय का दूध, मूत्र व गोबर दूर कर देता है।

 

 

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