पंचकूला सीबीआई की विशेष अदालत में गुजरात व राजस्थान सरकार के अधिकारियों ने दर्ज करवाए बयान | Gujarat Earthquake
चंडीगढ़(अश्वनी चावला)। मानवता भलाई मामले में डेरा सच्चा सौदा का कोई भी मुकाबला नहीं कर सकता, डेरा सच्चा सौदा ने न सिर्फ गुजरात में आए भूकंप (Gujarat Earthquake) में सैंकड़ों जिंदगियों को बचाया है, बल्कि बाड़मेर में पड़े सूखे दौरान हजारों पशुओं की जिंदगियों को बचाने का बड़े स्तर पर काम किया है, जिस संबंधी दोनों राज्य सरकारों द्वारा पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां को प्रशंसा-पत्र तक जारी किए हुए हैं। यह बयान रणजीत व छत्रपति हत्या मामले में गुजरात व राजस्थान सरकारों के वरिष्ठ आधिकारियों ने पंचकूला सीबीआई की विशेष अदालत में दर्ज करवाए हैं।
बाड़मेर में सूखे के वक्त भी पशुओं के लिए किया
था चारे का इंतजाम | Gujarat Earthquake
पंचकूला सीबीआई अदालत में बचाव पक्ष की ओर से शुक्रवार को अपने पक्ष में कुछ गवाह पेश किए जाने थे, जिसमें आज की सुनवाई दौरान गुजरात सरकार के वरिष्ठ सिविल अधिकारी के. सोमन ने बताया कि गुजरात में 26 जनवरी 2001 को जब भूकंप आया था तो उस समय काफी अधिक बर्बादी हुई थी।
उस समय डेरा सच्चा सौदा ने बड़े स्तर पर महीना भर मौके पर रहते हुए जरूरतमन्दों व बेघरों की मदद करते हुए बड़े स्तर पर मानवता भलाई के कार्य किए थे, यहां तक कई गांव ही गोद लेते हुए उनके पुर्नवास का काम तक किया गया था, जिसे देखते हुए गुजरात सरकार ने डेरा सच्चा सौदा को प्रशंसा-पत्र जारी करते हुए पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां का धन्यवाद भी किया था।
वहीं बाड़मेर राजस्थान से आए आईएएस अधिकारी मूल चंद आर्य ने अदालत को बताया कि राजस्थान में अचानक सूखा पड़ने के कारण बड़े स्तर पर पशुओं को खाने के लिए कुछ नहीं मिल रहा था और पशुआें की मौत भी होनी शुरू हो गई। इस दौरान डेरा सच्चा सौदा द्वारा राजस्थान के बाड़मेर क्षेत्र में बड़े स्तर पर मदद करते हुए पशुओं के लिए चारे का इंतजाम किया गया था, इस महान कार्य के लिए डेरा सच्चा सौदा को प्रशंसा-पत्र भी जारी किए गए थे।
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