शाहबेरी के बाद अब गाजियाबाद के मसूरी में ढही मौत की मनहूस मंजिल के मलबे से सिसकती जिंदगी निकालने में जुटे डेरा सच्चा सौदा के सेवादार | Mission Humanity
सच कहूँ/रविंद्र सिंह/गाजियाबाद। मानवता के प्रबल (Mission Humanity) पहरेदार डेरा सच्चा सौदा के सेवादारों को ‘गुंडा’ कहकर संबोधित करने वाली मीडिया आज इन तस्वीरों को आंखें फाड़-फाड़ कर अच्छे से देख ले। ये वही इंसानियत के सच्चे सिपाही हैं जिन्हें कुछ माह पूर्व मीडिया चैनलों ने ‘गुंडा’ जैसे असभ्य शब्दों का इस्तेमाल कर दुष्प्रचार करने में पूरी ताकत झोंक दी थी।
मीडिया द्वारा किए गए दुष्प्रचार पर कड़ा तमाचा
हैं ये तस्वीरें | Mission Humanity
मीडिया द्वारा इतने बड़े स्तर पर झूठा दुष्प्रचार कर दुनियाभर में बदनाम किए जाने के बावजूद भी डेरा सच्चा सौदा के इन सेवादारों (गुंडों) ने आज भी अपने असल कार्य मानवता भलाई कार्यों को नहीं छोड़ा है। अभी चंद रोज पहले ग्रेटर नोएडा के शाहबेरी में जमींदोंज हुई दो इमारतों के मलबे से जिंदगियां बचाने में दिन-रात पूरी ताकत झोंकने के बाद अब इंसानियत के इन सिपाहियों की फौज कल से ही गाजियाबाद के मसूरी आ पहुंची है और जुट गई है अपने उसी इंसानियत के धर्म को पूरा करने में जिसकी प्रेरणा उन्हें पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां से मिली है।
रविवार दोपहर मसूरी में इमारत ढहने के महज आधा घंटे के भीतर ही शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेल्फेयर फोर्स विंग के सैकड़ों सेवादारोें ने घटनास्थल पर ही बचाव एवं राहत कार्यों का मोर्चा संभाल लिया था जो कि रविवार पूरी रात व सोमवार दिनभर जारी रहा। न भूख, प्यास की चिंता और न कोई खुदगर्जी, दिल में जोश है, जज्बा है और जुनुन है तो सिर्फ एक कि ज्यादा से ज्यादा लोगों की जान बचा सकें। मलबा हटाने में दिन-रात वे इस उम्मीद के साथ जुटे हैं कि कहीं मलबे में कोई और जिंदगी न सिसक रही हो।
राहत एवं बचाव कार्यों में बगैर किसी खुदगर्जी के बंटा रहे प्रशासन
का हाथ | Mission Humanity
समाचार लिखे जाने तक दो लोगों के शव निकाले जा चुके हैं। सेवादार दिनभर गैस वैल्डिंग से सरीए आदि काट-काट कर व लेंटर तोड़कर मलबा हटाने में जुटे रहे। मलबे में अभी एक और व्यक्ति के दबे होने की आशंका है। मलबे से जिंदगी निकालने के सेवाकार्य में ब्लॉक गाजियाबाद, नया गाजियाबाद, साहिबाबाद, नोएडा व दादरी के सैकड़ों सेवादार जी-जान से जुटे हैं।
एनडीआरएफ की टीम के साथ मलबा हटाने में जुटे डेरा सच्चा सौदा के डॉ. मदन लाल इन्सां, संरेंद्र दीवान इन्सां, जितेंद्र कसाना इन्सां, दिनकर इन्सां, रकम कसाना इन्सां, धर्मपाल चौहान इन्सां, अत्तर सिंह इन्सां, अनिल चौधरी इन्सां, टेकराम नागर इन्सां, प्रमोद इन्सां, श्योराज नागर इन्सां, बाबू राम इन्सां, विष्णु दयाल इन्सां, राधाकृष्ण इन्सां, दिनेश इन्सां, धर्मेंद्र इन्सां, विजय इन्सां, भरत इन्सां, कपिल इन्सां, गजराज इन्सां, विनोद इन्सां, शिवा इन्सां समेत सैकड़ों सेवादार मलबे के ढ़ेर से जिंदगी की तलाश में जुटे हैं।
एक और बच्चे का शव निकाला, अब तक
दो मौतें | Mission Humanity
गाजियाबाद के मसूरी हादसे में बचाव एवं राहत कार्य के दौरान सोमवार को मलबे से एक और 7 वर्षीय मासूम सागर का शव निकाला गया। अब मरने वालों की संख्या बढ़कर दो हो गई है। रविवार को 24 वर्षीय राजेश का शव निकाला गया था।
इस दौरान डेरा प्रेमियों ने मलबे से कई घायलोें को निकाला था जो अब दल्ली व गाजियाबाद के अलग-अलग अस्पतालों में जिंदगी व मौत के बीच जूझ रहे हैं। मलबे से निकले शीला, राजकुमार व रहीस को गाजियाबाद के संजय नगर स्थित संयुक्त जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है वहीं गुलाब अली, देवेंद्र, शिखा, मुन्ना व राहुल दिल्ली के जीटीबी अस्पताल में उपचाराधीन हैं।
पिल्लर में दरार देख सुबह ही बता दिया था
ठेकेदार को | Mission Humanity
मसूरी इमारत हादसे में मरने वालों की जान बचाई जा सकती थी। घायल महिला शीला ने बताया कि रविवार सुबह उन्होंने इमारत के एक पिल्लर में बहुत बड़ी दरार देखी थी। इस बारे उन्होंने ठेकेदार को बता भी दिया था लेकिन ठेकेदार नहीं माना और जबरन काम शुरु करवा दिया।
पुलिस शिकंजे में बिल्डर, सभी निर्माणाधीन इमारतें होंगी सील | Mission Humanity
गाजियाबाद के मसूरी इमारत हादसे से सबक लेते हुए प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई शुरु कर दी है। पुलिस ने जहां डीएसए बिल्डवाल कंपनी के आरोपी बिल्डर दिनेश गोयल को गिरफ्तार कर लिया है वहीं इसके साथ ही जिलाधिकारी एवं गाजियाबाद विकास प्राधिकरण(जीडीए) उपाध्यक्ष रितु माहेवश्वरी ने गाजियाबाद क्षेत्र में सभी अवैध इमारतें व निर्माणाधीन इमारतों को तुरंत प्रभाव से सील करने के आदेश दिए हैं। सोमवार को ही जीडीए के जोन 3,4,5,6,7 व 8 में टीमें अवैध बिल्डिंगों के सर्वे व उन्हें सील करने पहुंची।
डेरा प्रेमियों से सीख लेकर आगे आएं
आमजन | Mission Humanity
डेरा सच्चा सौदा के ये सेवादार जिस तरह से लोगों की जिंदगियां बचाने में जी जान से जुटे हैं, वाकई सराहनीय है। डेरा सेवादारों की जितनी तारिफ की जाए कम है। अन्य लोगों को भी डेरा प्रेमियों से सीख लेते हुए आगे आना चाहिए और लोगों की जान बचाने में मदद करनी चाहिए।
पी के श्रीवास्तव, कमांडेंट
8वीं बटालियन, एनडीआरएफ
Hindi News से जुडे अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter पर फॉलो करें।