नहीं लग सकती देशद्रोह की धारा, अदालत ने
की रद्द | Panchkula Violence
चंडीगढ़ (अशवनी चावला)। पंचकूला अदालत ने एक और एफआईआर में 18 डेरा प्रेमियों के खिलाफ (Panchkula Violence) देशद्रोह की धारा 121, 121 ए, 124 को हटाते हुए पुलिस के देशद्रोह के आरोपों को निराधार बना दिया है। पंचकूला अदालत ने साफ कहा है कि इन 18 कथित आरोपियों ने कोई ऐसा अपराध नहीं किया गया है, जिससे इनके खिलाफ देशद्रोह की धारा लगाई जा सके।
पंचकूला पुलिस किसी भी डेरा प्रेमी पर साबित नहीं कर पा
रही देशद्रोह | Panchkula Violence
वकील राज सिंह चौहान ने जानकारी देते हुए बताया कि पंचकूला पुलिस द्वारा दंगों के मामलों में एफआईआर नंबर 337 दर्ज की गई थी, जिसमें उनकी तरफ से कुल 18 आरोपी बनाते हुए उनको गिरफ़्तार किया गया था। इन सभी पर देशद्रोह की धारा 121, 121ए व 124 लगाई गई थी। उन्होंने बताया कि इस एफआईआर में आरोपों पर बहस करते हुए उनकी तरफ से माननीय अदालत के पास तर्क रखे गए थे कि पुलिस ने गलत धाराएं लगाते हुए उनको गिरफ़्तार किया है, जब कि वह किसी भी हालत में देशद्रोही नहीं हैं।
18 के खिलाफ दर्ज धारा 121, 121 ए, 124
रद्द | Panchkula Violence
उन्होंने बताया कि इस मामले में अदालत ने पंचकूला पुलिस को देश द्रोह साबित करने के लिए इस संबंधी सबूत पेश करने हेतु पूरा समय दिया था परंतु पंचकूला पुलिस इन झूठे आरोपों को साबित नहीं कर सकी क्योंकि उन्होंने ऐसा कोई अपराध किया ही नहीं था। वकील राज सिंह चौहान ने बताया कि अदालत ने चमकौर सिंह, सुरेन्द्र धीमान, गोबिंद राम, वेद प्रकाश, कपूर सिंह, बूटा सिंह, हरी राम, नाहर सिंह, अर्जन सिंह व कृष्ण सहित कुल 18 के खिलाफ दर्ज धारा 121, 121 ए, 124 को रद्द कर दिया है।
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