पंचायत मंत्री तृप्त राजिन्दर बाजवा कैबिनेट बैठक में ले कर जा रहे एजेंडा
चंडीगढ(अशवनी चावला)। पंजाब में ग्राम पंचायतों व जिला परिषद् सहित ब्लॉक समितियों का चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के लिए डोप टैस्ट जरूरी होगा या फिर नहीं, यह निर्णय आगामी बुधवार 25 जुलाई को होने वाली कैबिनेट बैठक में आखिरी निर्णय ले लिया जाएगा। ग्रामीण विकास और पंचायत मंत्री तृप्त राजिन्दर बाजवा डोप टैस्ट जरूरी करवाने के लिए अड़े हुए हैं और कुछ विधायकों सहित मंत्रियों द्वारा पंचायती चुनाव में डोप टैस्ट को टालने की सलाह दी जा रही है, जिस कारण 25 जुलाई को होने वाली कैबिनेट बैठक में एजेंडा आ रहा है और मौके पर ही इसे लागू करने या फिर नहीं करने संबंधी बहस होगी।
डोप टैस्ट से उम्मीदवारों में हुआ डर पैदा
जानकारी अनुसार मंत्री मंडल में वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिन्दर बाजवा ने बीते कुछ दिन पहले यह ऐलान किया था कि पंचायती चुनावों में हर उम्मीदवार को डोप टैस्ट करवाना जरूरी होगा, जिससे पंचायतों में कम से कम सरपंच व पंच सहित ब्लॉक समिति व जिला परिषद् में मैंबर वह आएं जिनका का नशों से दूर दूर तक का कोई संबंध न हो। इस घोषणा के बाद गांवों में एक डर का माहौल भी पैदा हो गया कि कहीं उनकी तरफ के लिए जा रही किसी दवा या फिर छोटे मोटे नशो की गोली के कारण उनकी उम्मीदवार के लिए ही खतरा न बन जाए।
बहुत कम रह गया है पंचायती चुनाव का समय, मंत्री ने पकड़ी तेजी कई मंत्री व
विधायक भी कर रहे हैं डोप टैस्ट का विरोध
पिछले 10 सालों से पंचायतों में अकालियों का कब्जा होने के कारण कुछ कांग्रेसी नेता डोप टैस्ट को नहीं लागू करने की वकालत कर रहे हैं, जिससे विधान चुनावों में मदद करने वाला कोई भी गांवों का कांग्रेसी नेता इन चुनावों से बाहर न हो जाये, जिस के बाद कुछ विधायकों व कैबिनेट मंत्रियों ने भी पंचायती चुनाव में डोप टैस्ट लागू करवाने के निर्णय का विरोध करना शुरू कर दिया है।
इस विरोध के साथ साथ पंचायती चुनाव करवाने का समय भी नजदीक आता जा रहा है। गांवों की पंचायतों को भंग कर दिया गया व किसी भी समय ब्लाक समितियों व जिला परिषदें के चुनावों का की घोषणा की जा सकती है। इस लिए सरकार को जल्द ही इस मामले में अपना आखिरी निर्णय लेना पड़ेगा, जिस कारण ग्रामीण विकास व पंचायत मंत्री इस एजेंडे को 25 जुलाई को होने वाली कैबिनेट बैठक में लेकर आ रहे हैं जिससे इस मामले को एक तरफ किया जाए।
नशा तो दूर शराब भी छोड़े हुए हैं इच्छुक उम्मीदवार
पंचायती चुनाव में डोप टैस्ट करवाने की घोषणा के तुरंत बाद ही चुनाव लड़ने के लिए तैयार उम्मीदवारों ने नशा तो दूर शराब तक छोड़ दी है। गांवों में इस बात का डर पैदा हुआ है कि शराब भी डोप टैस्ट में आ सकती है, इस लिए नशों के साथ ही शराब से कुछ समय दूरी बेहतर है। कई इच्छुक उम्मीदवारों ने डॉक्टरों की सलाह के साथ बीमारी संबंधी के लिए जाने वाली दवा तक बदल ली है, जिससे मौके पर कोई परेशानी न आ जाये। इस लिए वह ऐसी दवा तक नहीं खा रहे हैं, जिसके साथ डोप में कोई पाबंदीशुदा पन दवा या फिर नशा आ जाये।
डोप तो होगा, बस आदेश होने शेष : बाजवा
ग्रामीण विकास व पंचायत मंत्री तृप्त राजिन्दर बाजवा ने कहा कि डोप टैस्ट के मामले में वह अपना निर्णय ले चुके हैं और मुख्य मंत्री अमरिन्दर सिंह ने भी उनको थापी दे दी है। इस लिए 25 की कैबिनेट बैठक में वह एजेंडा ले कर आ रहे हैं। जहां सभी की सहमति के बाद इस संबंधित कानूनी कार्रवाई कर दी जाएगी।
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