दक्षिणी हरियाणा के डार्कजोन दायरे में जीवनदायिनी साबित होगी बरसात, किसानों के चेहरों पर रौनक | Guar Millet Crop
भिवानी(सच कहूँ न्यूज)। बाढड़ा उपमंडल समस्त दक्षिणी हरियाणा में मानसुन की बरसात की प्रथम दस्तक ने ही किसानों के चेहरों पर नई रौनक पैदा कर दी है। डार्कजोन जैसी बड़ी विभिषिका झेल रहे इस क्षेत्र में जून के अंतिम व जुलाई के प्रथम सप्ताह में तेज बरसात हुई तो किसान तुरंत ही ग्वार बाजरे (Guar Millet Crop) जैसी परंपरागत फसलों की बंपर उत्पादन की उम्मीदों के साथ बिजाई करने में जुट जाएगा।
नहरों में पानी न आने से परेशान थे किसान | Guar Millet Crop
- मौजूदा सीजन की तेज बरसात की आवक रेतीले क्षेत्र के भविष्य के लिए जीवनदायिनी साबित हो सकती है।
- बाढ़ड़ा उपमंडल सहित समस्त दक्षिणी हरियाणा आज भूमिगत जलस्तर की गिरावट के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है।
- केन्द्र सरकार ने भी प्रदेश सरकार की सिफारिश पर प्रदेश के जिन नब्बे खंडों को डार्कजोन सूचि में शामिल किया है
- उनमें से अधिकतर खंड इस क्षेत्र में ही स्थित हैं।
बरसात से गिरते भूमिगत जल स्तर पर भी अब लगेगा अंकुश | Guar Millet Crop
प्रदेश सरकार ने भूमिगत जलस्तर के बढते दौहन को रोकने के लिए अब किसान द्वारा व्यक्तिगत कुआं या बोर खुदाई पर सौ फिसदी प्रतिबंध लगा दिया है लेकिन मौजूदा समय मं प्रयोग किए जा रहे फव्वारा सिंचाई सिस्टम से भी भारी मात्रा में बेशकीमती पानी का दुरुपयोग होना चिंताजनक है।
राजस्थान के साथ लगते इन खंडों के हालात इस कदर बिगड़ गए हैं कि अच्छे उत्पादन देने वाला रकबा आज पानी का मोहताज होने के कारण खाली नजर आता है और उस भूमि के मालिक यानि किसान को उस पर केवल बरसाती पानी से ही सिंचाई करने पर निर्भर रहना पड़ता है। बाढड़ा सहित दक्षिणी हरियाणा में बुधवार से शुरू हुई बरसात के तीन दिन तक चलने की संभावना ने धरतीपुत्रों के सपनों को पंख लगाने का काम किया है।
निजी बीज विक्रेताओं को भी बड़े स्तर पर बिक्री की संभावना | Guar Millet Crop
पिछले एक माह से तेज गर्मी व उच्च तापमान के बाद किसानों में बरसात की आवक के साथ ही बाजरे व ग्वार जैसी कम लागत वाली फसलों का उत्पादन बढ़ने की संभावना भी बन गई है। बरसात के साथ ही क्षेत्र में किसानों में ग्वार व बाजरे का रकबा बढ़ने की उम्मीदों से निजी बीज विक्रेता बीज के बड़े स्तर पर बिक्री की संभावना मान रहे हैं।
माना जाता है कि दक्षिणी हरियाणा में पूरे सीजन में सही बरसात हुई तो किसानों को मनमाफिक उत्पादन के अलावा गिरते भूमिगत जलस्तर पर भी अंकुश लग सकता है। इस क्षेत्र में बड़ी मात्रा में बरसात हुई तो भूमिगत जलस्तर को सौ फिसदी फायदा पहुंचेगा वहीं क्षेत्र की लावारिश हालत में बनी नहरों में पीछे सेपानी की आपूर्ति में वृद्धि होगी।
इस क्षेत्र में आने वाली बरसात की मात्रा भूमिगत जलस्तर को ऊंचा उठाने के अलावा किसानों की आनेवाली पीढ़ी के लिए जीवनदायिनी साबित होगी।
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