कोर्ट राजनीतिक पक्षपात के पहलू पर गौर नहीं करेगा
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नई दिल्ली (एजेंसी)।
उच्चतम न्यायालय ने मुख्य सतर्कता आयुक्त एवं और सतर्कता आयुक्त की नियुक्तियों को रद्द करने से सोमवार को इनकार कर दिया। शीर्ष अदालत ने यह कहते हुए याचिका खारिज कर दी कि इसमें उसे कोई आधार नहीं मिला, जिससे इन्हें रद्द किया जा सके। गैर सरकारी संगठन कॉमन कॉज और सेंटर फॉर इंटीग्रिटी एंड गवर्नेंस ने याचिका दायर की थी। न्यायालय को इस मामले में फैसला सुनाना था कि सीवीसी और सतर्कता आयुक्तों के पदों पर नियुक्त व्यक्ति बेदाग छवि होने का मानदंड पूरा करता है या नहीं। कॉमन कॉज ने सीवीसी के वी. चौधरी और सतर्कता आयुक्त वीसी टी. एम. भसीन की नियुक्ति को चुनौती दी थी और कहा था कि ये नियुक्ति गैरकानूनी है।
वर्ष 2013 में उनके खिलाफ आरोपों पर सीवीसी ने जांच भी की थी
मामले की सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने कहा था कि वह राजनीतिक पक्षपात के पहलू पर गौर नहीं करेगा, लेकिन केवल इस बात की जांच करेगा कि सीवीसी और सतर्कता आयुक्तों के पदों पर नियुक्त व्यक्ति बेदाग छवि होने का मानदंड पूरा करता है या नहीं। शीर्ष अदालत ने 2015 में दायर एक याचिका पर सुनवाई की थी जिसमें सीवीसी के. वी. चौधरी और सतर्कता आयुक्त वीसी टी. एम. भसीन की नियुक्ति पर यह आरोप लगाते हुए चुनौती दी गई थी कि उनका रिकॉर्ड साफ नहीं है और उनकी नियुक्ति के दौरान अपारदर्शी प्रक्रिया का पालन किया गया। वर्ष 2013 में उनके खिलाफ आरोपों पर सीवीसी ने जांच भी की थी। श्री चौधरी को सीवीसी पद पर छह जून 2015 को जबकि भसीन को 2015 में 11 जून को वीसी नियुक्त किया गया था।
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