भारतीय सेना का मानवाधिकार रिकार्ड संदेह से परे
नई दिल्ली (एजेंसी)।
सेना अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत ने कश्मीर में मानवाधिकार उल्लंघन पर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) को खारिज करते हुए कहा कि भारतीय सेना के मानवाधिकार रिकार्ड सर्वोपरि है। जनरल रावत ने बुधवार को साइबरटेक इंडिया 2018 सम्मेलन के उद्घाटन के बाद संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि भारतीय सेना का मानव अधिकार के मामले में रिकार्ड सर्वोपरि है। उन्होंने यूएनएचआरसी की रिपोर्ट को ‘प्रेरित’ करार दिया। सैन्य प्रमुख ने कहा, ‘हमें भारतीय सेना के मानवाधिकार रिकार्ड के बारे में कुछ कहने की जरुरत नहीं है। यह सर्वविदित है। कश्मीर के लोग भी इससे भली भांति परिचित हैं। इसलिए मैं नहीं समझता की यूएनएचआरसी की रिपोर्ट को लेकर कोई चिंता करनी चाहिए। ऐसी कुछ रिपोर्टे प्रेरित होती हैं। भारतीय सेना का मानवाधिकार रिकार्ड संदेह से परे है। इससे पहले विदेश मंत्रलाय ने भी रिपोर्ट को खारिज करते हुए इसे ‘निराधार , विवादास्पद और प्रेरित’ करार दिया था और इस पर सवाल खड़े करते हुए कहा था कि यह बिना प्रमाणित किए हुए झूठे आंकड़ों पर आधारित है। संयुक्त राष्ट्र ने 14 जून को कश्मीर में मानवाधिकार को लेकर एक रिपोर्ट जारी की थी जिसमें कश्मीर और पाक अधिकृत कश्मीर में मानवाधिकारों के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए इन मामलों की अंतर्राष्ट्रीय जांच की वकालत की थी। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट जुलाई 2016 से अप्रैल 2018 के बीच जम्मू-कश्मीर के घटनाक्रम पर आधारित थी। 8 जुलाई 2016 में ही सुरक्षाबलों ने जैश आतंकी बुरहान वानी को एनकाउंटर में मार गिराया था, जिसके बाद घाटी में उग्र प्रदर्शनों का सिलसिला शुरू हो गया था। इस दौरान हालात काबू में करने के लिए सुरक्षा बलों को कई बार बल प्रयोग भी करना पड़ा।
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