आउटसोर्सिंग भर्ती मामला: भाजपा सरकार के गले की फांस बना कोर्ट का फेसला

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सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी भाजपा सरकार

चंडीगढ़।

कांग्रेस सरकार के आखिरी साल में लागू की गई पॉलिसियों के तहत नियमित हुए कर्मचारियों के मामले में कोर्ट का फैसला आने के बाद अब भाजपा सरकार के गले की फांस बन गया है, क्योंकि हाईकोर्ट ने पॉलिसियों के तहत लगे सभी करीब 4600 कर्मचारियों को हटाए जाने का फैसला सुनाया था। साथ ट सोर्सिंग पॉलिसी के तहत लगे कर्मचारियों की जगह छह महीने में रेगुलर भर्ती करने का भी आदेश दिया है, जिनकी संख्या करीब सवा लाख है।

अब भाजपा सरकार को ये नहीं खल रहा है कि इतनी बड़ी संख्या में सरकार इतनी जल्दी भर्ती कैसे करें। अभी हालही में इतनी भीर्तियां भाजपा सरकार नहीं कर सकती, इसी बात से परेशान भाजपा सरकार अब इस फरमान से निजात पाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी।

इसी कडी मेेंं संज्ञान लेते हुए अब सभी महकमों से जिला वाइज उन कर्मचारियों की संख्या इकट्ठी करनी शुरू कर दी है जो आउट सोर्सिंग पॉलिसियों के तहत काम कर रहे हैं। मुख्य सचिव कार्यालय से इस संबंध में सभी महकमों के एचओडी को चिट्ठी जारी कर दी है।

बता दें कि आउट सोर्सिंग पॉलिसियों के तहत सवा लाख कर्मचारी लगे हैं। हरियाणा में सरकार की आउट सोर्सिंग पॉलिसी-1 व 2 के तहत करीब सवा लाख कर्मचारी विभिन्न महकमों में काम कर रहे हैं। 14 हजार गेस्ट टीचर, 5 हजार कंप्यूटर टीचर्स एवं लैब सहायक, 2600 वोकेशनल टीचर्स10 हजार ग्रामीण सफाई कर्मी इन पॉलिसियों में आ रहे हैं। इनके अलावा बिजली निगम में 14 हजार, जनस्वास्थ्य विभाग में 12 हजार और हेल्थ विभाग में 15 हजार कर्मचारी काम कर रहे हैं।

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