सोमवार को केजरीवाल के धरने का आठवां दिन है
नई दिल्ली (एजेंसी)।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने आम आदमी पार्टी (आप) सरकार की खिंचाई करते हुए सोमवार को पार्टी से पूछा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनके कुछ मंत्रियों को उप राज्यपाल अनिल बैजल के कार्यालय में धरने पर बैठने के लिए किसने अधिकृत किया है।
न्यायमूर्ति ए के चावला और न्यायमूर्ति नवीन चावला की पीठ ने कहा कि आम तौर पर हड़ताल किसी प्रतिष्ठान या कार्यालय के बाहर होती है अंदर नहीं। पीठ ने कहा, ‘हड़ताल और धरने (केजरीवाल का धरना) के लिए किसने अधिकृत किया। आप उप राज्यपाल के कार्यालय के अंदर धरने पर बैठे हैं। अगर यह हड़ताल है तो यह कार्यालय के बाहर होना चाहिए। उच्च न्यायालय ने कहा कि भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारियों का प्रतिनिधित्व करने वाले संघ को इस मामले में पार्टी बनाया जाना चाहिए।
उच्च न्यायालय ने यह टिप्पणी इस मामले से जुड़ी दो याचिकाओं की सुनवाई के दौरान की। एक याचिका केजरीवाल के उप राज्यपाल के कार्यालय में धरने के विरोध में दायर की गयी है और दूसरी याचिका दिल्ली सरकार के मातहत काम करने वाले वाले भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की कथित हड़ताल के विरोध में दाखिल की गई है।
वहीं भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की ‘कथित’ हड़ताल समाप्त कराने और घर-घर राशन आपूर्ति की स्वीकृति देने की मांग को लेकर उप राज्यपाल अनिल बैजल के आवास पर अनिश्चितकालीन अनशन कर रहे दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को तबीयत बिगड़ने पर सोमवार को यहां अस्पताल में भर्ती कराया गया।
मनीष सिसोदिया अस्पताल में भर्ती
आईएएस अधिकारियों की हड़ताल, केजरीवाल ने मोदी से लगायी गुहार
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारियों की राष्ट्रीय राजधानी में हड़ताल खत्म कराने के लिए सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की। केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘मैं माननीय प्रधानमंत्री से अपील करता हूं कि वह अब आईएएस अधिकारियों को अपना हड़ताल समाप्त करने के लिए ‘ग्रीन सिग्नल’ दें। केजरीवाल का यह ट्वीट आईएएस अधिकारियों को यह आश्वासन दिए जाने के बाद सामने आया है कि वह उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे।
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