सरकारी युद्धविराम की अवधि को 20 जून से आगे
काबुल (Varta):
अफगान तालिबान ने दावा किया कि रविवार को समाप्त हुए तीन दिनों के ईद युद्धविराम ने अनके आंदोलन के प्रति एकता और ‘व्यापक समर्थन’ को साबित किया है। इसबीच राष्ट्रपति भवन ने आतंकवादियों के साथ अपने युद्धविराम की अवधि को 10 दिनों के लिए बढ़ा दी है। इस सप्ताहांत में तालिबानी आतंकवादी बिना हथियार के ईद मानने के लिए राजधानी काबुल और अन्य शहरों में आये थे। सैनिकों और आतंकवादियों ने गले मिलकर ईद मानायी और अपने स्मार्टफोन से सेल्फी ली।
लेकिन कुछ प्रांतों में आतंकवादी राॅकेट लांचार, ग्रेनेड और अन्य विस्फोटकों के साथ भी पहुंचे थे। इसके साथ ही यह सवाल उठने शुरू हो गये हैं कि रविवार को मध्यरात्रि में उनके युद्धविराम की समयसीमा समाप्त होने के बाद क्या होगा। तालिबान ने एक वक्तव्य में कहा,“पूरे देश में मुजाहिदीन को विदेशी आक्रमणकारियों और उनके आंतरिक कठपुतलियों के खिलाफ अपने अभियान जारी रखने का आदेश दिया गया है।
घोषणा (युद्धविराम का), कार्यान्वयन और व्यापक राष्ट्रीय समर्थन तथा लोगों द्वारा मुजाहिदीन का स्वागत साबित करता है कि इस्लामी अमीरात और राष्ट्र की मांग एक समान है – सभी विदेशी आक्रमणकारियों को वापस भेजना चाहते हैं और इस्लामी सरकार की स्थापना करना चाहते हैं।” राष्ट्रपति अशरफ गनी ने रविवार को कहा कि वह सरकारी युद्धविराम की अवधि को 20 जून से आगे बढ़ायेंगे। इसबीच राष्ट्रपति कार्यालय ने कहा कि युद्धविराम की अवधि को 10 दिनों के लिए बढ़ा दिया गया है।
पूर्वी हिस्से में हिंसक घटनायें रूकने का नहीं ले रही नाम
कुछ लोगों ने पूरे देश के विभिन्न शहरों में तालिबान को प्रवेश की इजाजत देने की आलोचना की है। हालांकि आतंकवादियों ने कहा कि वे रविवार को सूर्यास्त के बाद वापस लौट जायेंगे। युद्धविराम के बावजूद देश के पूर्वी हिस्से में हिंसक घटनायें रूकने का नाम नहीं ले रही हैं। अफगानिस्तान के पूर्वी नांगरहार प्रांत में रविवार को गवर्नर के कार्यालय के बाहर हुए विस्फोट में 18 लोगों की मौत हो गयी और कई अन्य घायल हो गए। इस घटना की किसी संगठन ने जिम्मेदारी नहीं ली है।
इसी नंगरहार प्रांत में शनिवार को तालिबान और अफगान सशस्त्र बलों की एक सभा में कार बम विस्फोट होने से कम से कम 36 लोगों की मौत हो गयी। ईद के मौके पर शनिवार को जब सैनिक और आंतकवादी अभूतपूर्व संघर्षविराम की खुशियां मना रहे थे कि यह हमला हुआ। इस हमले की जिम्मेदारी आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट ने ली है।
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