मौसम की पहली बरसात से जलथल हुआ महानगर
बठिंडा(अशोक वर्मा)। आज सुबह करीब पांच घंटे हुई बरसात ने महानगर बठिंडा को जलथल कर दिया व कई इलाके टापू में तबदील हो गए हालांकि बरसात के कारण मौसम ठंडी हवाओं ने दस्तक दी व गर्मी से राहत मिली परंतु निचले स्थानों पर लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
इस मौसम की पहली बरसात जो पिछले वर्ष की अपेक्षा 9 दिन पिछड़ कर हुई है कृषि क्षेत्र के लिए भी लाभप्रद बतायी जा रही है। आज हुई बरसात से आसमान में चढ़ी धूल हटने के बाद लोगों ने राहत की सांस ली है। खास तौर पर दमा व सांस के मरीजों ने तो बड़ी राहत महसूस की है। पिछले तीन-चार दिनों से मालवा को धूल की चादर ने अपनी चपेट में लिया हुआ था। बठिंडा शहर में आधी रात के बाद शुरू हुआ बरसात रविवार को भी रुक -रुक कर होती रही। आज बठिंडा में 23 मिलिमीटर वर्षा रिकार्ड की गई जोकि जून माह का रिकार्ड है।
तापमान में भी 10 डिग्री गिरावट आई है आज अधिकतम तापमान शनिवार के 39 डिग्री सेल्शियस के मुकाबले 29 डिग्री सेल्शियस दर्ज किया गया है। इस तरह ही न्यूनतम तापमान 21.4 डिग्री सेल्शियस रहा जब कि बीते कल यह 29.2 डिग्री सेल्शियस रिकार्ड किया गया। इसी तरह ही वातावरण में भी नमी की मात्रा शनिवार को अधिकतम 53 प्रतिशत व न्यूनतम 34 प्रतिशत के मुकाबले क्रमवार 66 प्रतिशत व 35 प्रतिशत रही। आज 3.3 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ़्तार से े तेज हवाएं चली हैं। मौसम विशेषज्ञों ने अंदेशा प्रकट किया है कि यदि ओर बरसात न हुई तो उमस में भी विस्तार होगा।
बरसात से शहर के कई क्षेत्र टापू में हुए तबदील
उधर बारिश होने के बाद निकली धूप ने थोड़ी बहुती मुश्किल खड़ी की परन्तु समूह तौर पर गर्मी की चक्की में पिस रहे लोगों को बड़ी राहत मिली है। इससे पहले गर्मी ने सभी रिकार्ड तोड़ दिए थे व पारा 43 से 44 डिग्री तक चला गया था गर्मी के कारण इस से पहले एक दर्जन मौतें भी हो चुकी हैं उधर बरसात होने से शहर के सिरकी बाजार सहित कई क्षेत्र टापू में तबदील हो गए। अच्छा पक्ष यह है कि बरसात बंद होने उपरांत काफी स्थानों से पानी निकल गया कई स्थानों पर पानी जमा त होने के नतीजे के तौर पर कई स्थानों पर दोपहिया वाहनों में पानी पड़ने की खबरें हैं परंतु बड़े नुक्सान से बचाव रहा है।
कृषि क्षेत्र के लिए संजीवनी बरसात
बरसात ने धान की फसल रोपित के लिए खेतों को तैयार करने में जुटे किसानों को राहत पहुंचाई है। गर्मी व धूल के कारण जमीनों की तैयारी करने में बड़ी मुश्किल आ रही थी ऊपर से बिजली कम आने ने संकट को बढ़ाया हुआ था। इसी तरह ही नरमे के लिए बरसात ने संजीवनी का काम किया है जोकि गर्मी कारण जलने लगा था। भारतीय किसान यूनियन (सिद्धूपुर) राज्य सीनियर उप अध्यक्ष काका सिंह कोटड़ा ने कहा कि बेशक बरसात ने कृषि क्षेत्र को सहारा दिया है परंतु सरकार की तरफ से पूरी बिजली न देने कारण किसानों की समस्याएं बरकरार हैं।
फेल साबित हुआ नगर निगम: बांसल
आम आदमी पार्टी के शहरी जिला अध्यक्ष भुपिन्दर बांसल ने कहा कि करोड़ों रुपए खर्चने के बावजूद शहर के लोग दुख भोगने के लिए मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि नगर निगम अपनी जिम्मेदारी निभाने में फेल रहा है उन्होंने कहा कि हलकी बरसात से यह हाल है जब भरपूर मौनसून आया तो क्या हाल होगा, किसी को बताने की जरूरत नहीं है।
नगर निगम के मेयर बलवंत राय नाथ ने कहा कि पहले की अपेक्षा बड़े स्तर पर समस्या घटी है व सीवरेज प्रॉजैक्ट मुकम्मल होने पर परेशानियां पूरी तरह खत्म हो जाएंगी।
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