शिमला(एजेंसी)। हिमाचल में 15 जून से मौसम फिर करवट बदल सकता है। मौसम विभाग ने 15 जून से 18 जून तक प्रदेश के ऊंचे क्षेत्रों में एक दो स्थानों पर बर्फबारी और अन्य क्षेत्रों में बारिश की संभावना जताई है। इससे लोगों को गर्मी से राहत मिल सकती है। मंगलवार को धूप के कारण तापमान बढ़ गया और मध्य व ऊंचे क्षेत्रों में लोगों को गर्मी का अहसास हुआ। बीते तीन दिनों से बारिश का क्रम जारी रहने से तापमान में गिरावट आई थी।
प्रदेश में मंगलवार को अधिकतम तापमान ऊना में 42.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। प्रदेश में 14 जून तक मौसम के ऐसे ही बने रहने की संभावना है। हालांकि इस दौरान मध्य पर्वतीय क्षेत्रों में बारिश हो सकती है। आगामी दो दिनों में तापमान और बढ़ने की संभावना है। कहां कितना रहा तापमान स्थान, न्यूनतम, अधिकतम शिमला,17.1,27.7 सुंदरनगर,20.1,37.4 कल्पा,10.0,24.2 ऊना,25.0,42.4 केलंग,8.4,22.4 सोलन,18.6,33.0 मनाली,9.4,25.2 (तापमान डिग्री सेल्सियस में)
गर्मी बढ़ने से पिघल रहे ग्लेशियरों से खतरा, अलर्ट जारी
ग्लेशियर तेजी से पिघल रहे हैं, जिससे सदानीरा नदियों की सेहत पर भी खतरा मंडराने लगा है। हालांकि ग्लेशियरों का पूरी तरह पिघल जाना एक लंबी प्रक्रिया है, लेकिन मौसम में दिख रहे बड़े बदलाव भविष्य के लिए शुभ संकेत नहीं है। साल दर साल बर्फबारी कम होने का ग्लेशियरों पर बड़ा असर पड़ रहा है। जलवायु परिवर्तन के साथ ही ग्लेशियरों पर मानवीय छेड़छाड़ और निचले इलाकों में हरियाली कम होना भी खतरनाक है। यही वजह है कि विशेषज्ञ पर्यावरण को लेकर जागरूक होने की सलाह देते हैं। घाटी में पर्यटन गतिविधियां बढ़ गई हैं, वहीं तापमान में बढ़ोतरी के कारण नदी-नालों का जलस्तर बढ़ने लगा है। ग्लेश्यिर पिघलने से भू-स्खलन होने से सड़कें अवरुद्ध हो रही हैं। ऐसे में घाटी में आने वाले पर्यटकों को सलाह दी जाती है कि वह कोकसर व दारचा पुलिस चौकियों में अपना नाम व पता दर्ज करवाएं ताकि किसी भी आपदा के समय राहत व बचाव कार्य में सुविधा हो सके।