इटावा (एजेंसी)। उत्तर प्रदेश में मैन पावॅर की कमी के मददेनजर 100 बैड के 25 के करीब मदर एंड चाइल्ड हेल्थ विंग (एमसीएच) अब ट्रिपल पी मॉडल पर संचालित की जाएगी। इसमें इटावा जिला अस्पताल में खुली एमसीएच विंग भी शामिल हैं। इटावा महिला अस्पताल के सीएमएस डा.अशोक कुमार जाटव ने आज यहॉ बताया कि भले ही ट्रिपल पी मॉडल पर 100 बैड की एमसीएच विंग संचालित होगी लेकिन इसकी व्यवस्थाएं जिला स्तरीय समिति के अधीन रहेगी। उन्होने बताया कि समिति के अध्यक्ष जिलाधिकारी, उपाध्यक्ष सीएमओ व संयोजक सीएमएस होंगे। (Mother And Child Held Wing)
वहीं सीएमओ कार्यालय के जूनियर इंजीनियर जिला स्तरीय क्वालिटी एश्योरेंश कन्सलटेंट, प्रतिनिधि कार्यदायी प्राइवेट पार्टनर को समिति का सदस्य बनाया गया है। प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के निर्देश के बाद एमसीएच विंग को खोले जाने की तैयारियां शुरु हो गई हैं। इसमें डाक्टरों से लेकर स्टॉफ की तैनाती लखनऊ की एक कम्पनी के द्वारा की जाएगी । एमसीएच विंग शुरु होने के बाद नवजात के साथ गर्भवती महिलाओं को अच्छा स्वास्थ्य मिल सकेगा। प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को सही रास्ते पर लाने के लिए पब्लिक प्राइवेट प्रोजेक्ट (ट्रिपल पी) के आधार पर 100 बैड की कई एमसीएच विंग तैयार कराई गई हैं। (Mother And Child Held Wing)
एनएचएम के द्वारा बिल्डिंगों का निर्माण तो कराया गया है लेकिन इनमें मैन पावर की कमी के चलते एमसीएच विंग शुरु नहीं हो सकी हैं। प्रदेश सरकार ने मैन पावर की कमी को देखते हुए एमसीएच विंग को पब्लिक प्राइवेट प्रोजेक्ट के माध्यम से शुरु कराने का निर्णय लिया है। इससे गर्भवती महिलाओं के साथ नवजात बच्चों को बेहतर स्वास्थ्य मिल सकेगा। जिला महिला अस्पताल परिसर में एनएचएम ने 20 करोड़ रुपए की लागत से 100 बैड की एमसीएच विंग का निर्माण कराया था लेकिन संसाधनों के अभाव में आज तक यह विंग शुरु नहीं हो सकी है। एक माह पूर्व प्रशासन के निर्देश पर महिला अस्पताल का कुछ हिस्सा इसमें शिफ्ट कराया गया था। (Mother And Child Held Wing)