गांव बंद। प्रदेश का सबसे बड़ा किसान आंदोलन आज से, न रोड जाम न धरना-प्रदर्शन और न ही नारेबाजी
- आज से शहरों में पूरी तरह से बंद रहेगी दूध, सब्जी व अनाज की सप्लाई
- स्वामीनाथन आयोग रिपोर्ट लागू करवाने के लिए सरकार पर बढेÞगा दबाव
कुरुक्षेत्र (सच कहूँ/देवीलाल बारना)। प्रदेश के विद्यालयों में आज से ग्रीष्मावकाश शुरू होने जा रहा है। इसके साथ ही किसानों ने भी आज से ही सबसे बड़े किसान आंदोलन गांव बंद शुरु किए जाने का ऐलान किया है। तो 10 जून तक स्कूली बच्चों संग किसान भी छुट्टी पर रहेंगे। देशभर में चलने वाला यह किसान आंदोलन तमाम प्रदेश व राष्टÑ स्तरीय किसान यूनियन समर्थित होने के साथ-साथ प्रत्येक गांव का किसान आंदोलन का हिस्सा बना है। इस दौरान न केवल किसान आंदोलन का हिस्सा बनेंगें अपितु शहर मे दूध, सब्जी व अनाज की सप्लाई पूर्णत: बंद रहेगी।
इसके साथ ही किसान यूनियन व संगठनों ने किसानों से यह भी अपील की है कि वे 10 जून तक शहर की दुकानों से कोई सामान भी न खरीदें। किसानों ने आमजन को कोई तकलीफ न हो, इसके लिए शहरी क्षेत्र में यह बात कही है कि जिस किसैी को दूध, सब्जी व अन्य कृषि उत्पाद चाहिएं तो वे गांव में आकर ले सकते हैं। यह आंदोलन क्रमिक रूप से जारी रहेगा प्रतिदिन पांच पांच किसान अन्नशन पर बैठेंगें और सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदेर्शन करेंगें।
इसके लिए प्रदेश के साथ साथ राष्टÑीय स्तर की यूनियन व किसान संगठनों ने गांव गांव जाकर किसानों को अपने साथ इस आंदोलन में साथ देने के लिए अपील की है। किसान आंदोलन के पीछे मुख्य मांग जहां स्वामीनाथन आयोग की सी थ्री प्लस 50 प्रतिशत सिफारिशें लागू करना। दूध व सब्जी का समर्थन मूल्य तय करना, किसानों की आमदनी सुनिश्चित करना, कर्ज के बोझ के नीचे दबे किसान का कर्ज मुक्त करना आदि शामिल हैं। इस बार जिस तरह से सभी किसान संगठनों ने आपसी बातों से उपर उठकर केवल और केवल किसान हित की बात को तरजीह दी है उससे यह लगता है कि यह आंदोलन अपने मुकाम तक जरूर पहुंचेगा।