आगरा। 32 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से आए विनाशकारी तूफान ने बुधवार रात जिले भर में 53 लोगों की जान ले ली। इसमें तीन अज्ञात है। सैंया के गांव कुकावर में एक ही परिवार के चार बच्चों की मौत हो गई। सर्वाधिक 18 मौतें खेरागढ़ तहसील क्षेत्र में हुई हैं। सदर तहसील क्षेत्र में तीन, फतेहाबाद तहसील में 14, बाह में चार, किरावली में तीन, एत्मादपुर और सदर तहसील क्षेत्र में दो-दो लोगों की मौत हुई है।
शासन स्तर से मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये मुआवजा देने का ऐलान किया गया है। जिला प्रशासन के अनुसार 51 लोग घायल हुए हैं। 80 पशुओं की मौत हुई है। तूफान की विनाशलीला देख मौके पर पहुंचे अफसरों के भी रौंगटे खड़े हो गए। बवंडर में कई परिवार भी तबाह हो गए हैं। नुकसान का आंकलन करने के लिए प्रशासन की कई टीमें गांव-गांव पहुंच रही हैं। मथुरा में आंधी-तूफान से एक व्यक्ति की मृत्यु और आधा दर्जन लोगों के घायल होने की सूचना है।
तूफान की वजह आम जन-जीवन अस्त-व्यस्त
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने संबंधित जिलों के अधिकारियों को आंधी-तूफ़ान और बारिश से प्रभावित लोगों को तत्काल राहत पहुंचाने के निर्देश दिए हैं। तूफान का सबसे ज्यादा असर खेरागढ़, फतेहाबाद, पिनाहट और अछनेरा में हुआ है, आंधी के बाद हुई बारिश और ओलों के कारण जगह-जगह पेड़ गिरने की खबर है जिससे काफी समय तक यातायात प्रभावित रहा और लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
रेलवे ट्रैक चार घंटे रहा बंद
उत्तर मध्य रेलवे के सभी ट्रैकों पर बुधवार को चार घंटे रेल गाड़ियों का संचालन बंद रहा। तूफान का असर गुरुवार को ट्रेन संचालन पर भी पड़ा। आगरा से होकर गुजरने वाली तकरीबन 13 रेल गाड़ियां घंटों देरी से चलीं। रेलवे प्रवक्ता डॉ. संचित त्यागी ने बताया कि बुधवार रात आठ बजे से तूफान के कारण रेलों का संचालन रोकना पड़ा। तूफान थमने के बाद रात करीब 12 बजे ट्रेनों का संचालन बहाल किया गया।