नई दिल्ली (एजेंसी)। सरकार ऐसी योजना पर काम कर रही है, जिससे प्राइवेट कार मालिकों के लिए ऊबर और ओला जैसे ऐग्रिगेटर प्लेटफॉर्म से जुड़ना आसान हो जाएगा। इसके लिए टैक्सी परमिट रूल्स में ढील दी जा सकती है। सरकार का मानना है कि इससे सड़कों पर गाड़ियों की संख्या कम करने में मदद मिलेगी। प्रदूषण कम करने के लिए देश के ट्रांसपोर्ट सिस्टम में सुधार की खातिर एक हाई लेवल टास्क फोर्स बनाया गया था, जिसने यह सुझाव भी दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कई मंत्रालयों और नीति आयोग के प्रतिनिधियों द्वारा पेश की गई रिपोर्ट कें अनुसार ‘टैक्स परमिट के नियमों में ढील दी जाए, ताकि प्राइवेट कारों का इस्तेमाल सर्विस ऐग्रिगेटर्स की टैक्सी के तौर पर हो सके।’
अभी टैक्स चलाने के लिए करीब आधा दर्जन अप्रूवल और क्लीयरेंस लेने पड़ते हैं। इनके अलावा कमर्शल आॅपरेशनल के लिए गाड़ी का रजिस्ट्रेशन कराना पड़ता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसी व्यवस्था में पैसेंजर की सुरक्षा पक्की की जानी चाहिए और इसके लिए पॉलिसी लेवल पर उपाय किए जाएं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि देश में अभी बहुत कम ऐग्रिगेटर सर्विस कंपनियां हैं, जिससे उनका बाजार पर दबदबा बनने की आशंका है। एक बड़े सरकारी अधिकारी ने बताया, ‘सभी पक्षों के साथ बातचीत करके इन चिंताओं को दूर किया जाना चाहिए।’