मुंबई (एजेंसी)। वैश्विक स्तर पर संरक्षणवादी व्यापार नीति और रूस तथा ब्रिटेन के बीच तनातनी की चिंता के बीच बीएसई का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स बीते सप्ताह 131.14 अंक की साप्ताहिक गिरावट में शुक्रवार को 33,176 अंक पर बंद हुआ। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 31.70 अंक लुढ़ककर 10,195.15 अंक पर रहा। आने वाले सप्ताह में मंगलवार और बुधवार को अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक होनी। इसमें ब्याज दरों में बढ़ोतरी लगभग तय है। फेड के फैसले का प्रभाव बाजार पर दिखेगा।
इसके अलावा रूस और ब्रिटेन के बीच बढ़ती तनातनी तथा अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों जैसे कारक भी बाजार का रुख तय करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभायेंगे। घरेलू स्तर पर शुक्रवार शाम जारी भुगतान संतुलन के आँकड़ों में चालू वित्त वर्ष में चालू खाते का घाटा तीन गुणा होकर जीडीपी के दो प्रतिशत पर पहुँचने से भी सोमवार को बाजार खुलने पर दबाव देखा जा सकता है।
विश्लेषकों का कहना है कि मेघालय,त्रिपुरा और नागालैंड के बाद इस साल की पहली छमाही में कर्नाटक में चुनाव होने हैं। कर्नाटक कांग्रेस शासित राज्य है। इसके बाद भारतीय जनता पार्टी शासित छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश ,मिजोरम और राजस्थान में चुनाव होने हैं। तेलुगु देशम पार्टी के साथ छोड़ देने से संसद में बहुमत पर भाजपा का ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है लेकिन इसने राजनीतिक सरगर्मी तेज कर दी है। भाजपा हाल ही में उत्तर प्रदेश की दो लोकसभा सीटों पर उपचुनाव हार चुकी है।
चुनावी समीकरण को देखते हुए निवेशक सतर्कता बरत रहे हैं जिससे बिकवाली का नया दौर शुरू हो गया है। उनके मुताबिक गत सप्ताह जारी खुदरा महंगाई, थोक महंगाई और निर्यात के आंकड़े सकारात्मक होते हुए भी निवेशकों के लिए बड़ी राहत लेकर नहीं आये। पंजाब नेशनल बैंक में हुई दो अरब डॉलर से ज्यादा की धोखाधड़ी ने बैंकिंग क्षेत्र पर लोगों के भरोसे को हिला कर रख दिया है।