वडोदरा/अहमदाबाद (एजेंसी)। गुजरात में गर्मी के दौरान पानी की किल्लत की आशंका के बीच राज्य में पानी के सबसे बड़े जलाशय सरदार सरोवर नर्मदा बांध जलाशय से सिंचाई के लिए पानी की आपूर्ति आज सुबह से पूरी तरह बंद हो गयी है। सरदार सरोवर नर्मदा निगम लिमिटेड के मुख्य अभियंता (नर्मदा बांध और वडोदरा क्षेत्र) पी सी व्यास ने आज यूनीवार्ता को बताया कि पहले से ही की गयी घोषणा के अनुरूप रबी सत्र का अंतिम दिन माने जाने वाले 15 मार्च यानी कल से ही सिंचाई के पानी को धीरे धीरे बंद करने का काम शुरू किया गया था और आज सुबह सिंचाई की जलापूर्ति पूरी तरह बंद हो गयी है। गर्मी में सिंचाई के लिए जल उपलब्ध कराना कभी भी नर्मदा जलापूर्ति योजना का हिस्सा नहीं था।
अब मुख्य और शाखा नहरों के जरिये केवल पीने के पानी की आपूर्ति की जा रही है। फिलहाल जलाशय में पानी की कुल आवक 1500 से 2000 घन फुट प्रति सेकंड (क्यूसेक) है जबकि जावक यानी बहिस्राव की दर कल तक के 9000 क्यूसेक की तुलना में मात्र 4900 क्यूसेक है जिसमें से 4300 क्यूसेक नहर के लिए है और 600 क्यूसेक नदी में आगे की ओर यानी भरूच की तरफ बहाव है।
इस बीच, सिंचाई की जलापूर्ति बंद होने के साथ ही इससे पानी के बहिस्राव यानी आउटफ्लो में भी 5000 क्यूसेक की गिरावट दर्ज होने से पीने के लिए पानी की आपूर्ति पर एक तरह से दबाव खासा कम हुआ है। ज्ञातव्य है कि राज्य के 10000 से अधिक गांव और 150 से अधिक शहर पेयजल के लिए मध्य गुजरात के केवड़िया स्थित इस जलाशय पर पूरी तरह निर्भर हैं। इस साल नर्मदा के जलग्रहण क्षेत्रों में हुई कम वर्षा के कारण गुजरात को अपेक्षित पानी नहीं मिलने से बांध का जलस्तर गर्मी की विधिवत शुरूआत से पहले ही खासा नीचे चला गया है।
गत 20 फरवरी को ही पानी का स्तर न्यूनतम से नीचे चले जाने के कारण तब से इससे जुड़ी दोनो पनबिजली उत्पादक इकाइयां बंद हैं। व्यास ने बताया कि जलाशय में आज दोपहर जलस्तर 105.46 मीटर था। इसमें आगामी मानसून तक पेयजल आपूर्ति के लिए पर्याप्त पानी है। उन्होंने कहा कि एहतियात के तौर पर नर्मदा की मुख्य नहरों के पानी की चोरी और अन्य बेजा इस्तेमाल को रोकने के लिए पुलिस की भी तैनाती की गयी है।