खट्टा की भांजी व डेरा सच्चा सौदा की पूर्व साध्वी ने लगाए गंभीर आरोप
- कहा, डेरा को बदनाम करने के लिए किसी भी हद तक गिर सकता है खट्टा
- अफीम के तस्कर खट्टा से बताया जान का खतरा
- खट्टा के नार्काे टैस्ट और उसकी संपत्ति की जांच की मांग
नई दिल्ली (सच कहूँ ब्यूरो)। डेरा सच्चा सौदा की गद्दी हथियाने के लिए खट्टा सिंह ने ही गहरी साजिश रची थी। पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या के पीछे भी खट्टा सिंह का हाथ है। वहीं पूज्य गुरु जी व डेरा सच्चा सौदा पर आरोप लगाने के लिए खट्टा सिंह को करोड़ों रुपए मिलते हैं। यह गंभीर आरोप शुक्रवार को डेरा सच्चा सौदा की पूर्व साध्वी एवं खट्टा सिंह की भांजी सुमिंद्र कौर ने यहां प्रैस क्लब में मीडिया के समक्ष लगाए। पत्रकारों से बातचीत में सुमिंद्र ने अपने मामा खट्टा सिंह से जान का खतरा बताते हुए उसकी काली करतूतों का पर्दाफाश करते हुए देश के सामने उसकी असलियत ब्यान की। साथ ही सुमिंद्र ने अदालत से अपने लिए सुरक्षा की भी मांग की।
सुमिंद्र ने कहा कि वह डेरा सच्चा सौदा में 16 साल बतौर साध्वी रही है।सुमिंद्र ने आरोप लगाया कि खट्टा शुरू से ही गुरूजी को फंसाने का प्लान बनाता रहता था, इसके साथ कुछ राजनीति के लोग भी मिले हुए हैं जो इसकी मदद करते हैं। वह हमेशा घर में इसकी हरकतों का विरोध करती रही। सुमिंद्र के अनुसार, ‘‘मैं कुछ महत्वपूर्ण जानकारियों से अवगत करवाना चाहती हूँ कि दिसंबर 2016 में मेरी नानी अर्थात खट्टा की माता के देहांत पर मैं घर आई थी। वहां खट्टा भी मौजूद था। तब खट्टा ने कहा था कि वह मुझे वापिस डेरे नहीं जाने देगा।
इसने मुझे डराया और कहा कि पत्रकार छत्रपति की हत्या भी उसने ही करवाई थी। जब मैंने पूछा कि फिर आपका नाम क्यों नहीं आया तो इसने आगे से मुझे जवाब दिया कि एक बड़े नेता ने मेरा नाम निकलवा दिया था और गुरु जी का नाम केस में डलवा दिया। इसने बताया था कि गुरू जी को फंसाने वाली लड़कियों को इसने अपने घर पर रखा था और बड़ी रकम देकर झूठ बुलवाया था। खट्टा की साजिश थी कि गुुरु जी पर केस हो जाएंगे तो गद्दी इसे मिल जाएगी।’’
डेरा के खिलाफ बोलने के लिए खट्टा ने बनाया था दबाव
सुमिंद्र ने बताया कि खट्टा सिंह ने मीडिया में स्टेटमेंट दी थी कि मेरी भांजी को डेढ़ वर्ष पहले डेरा छोड़ कर घर आ गई थी लेकिन सच्चाई ये है कि वह 5 अप्रैल 2017 को अपनी मर्जी से घर आई थी। खट्टा व उसके परिवार ने डेरा के खिलाफ बोलने के लिए सुमिंद्र पर दबाव डाला। सुमिंद्र ने आरोप लगाया कि उसकी माता और मौसी को भी खट्टा ने अपने साथ दबाव में मिला रखा है। लेकिन जब वह झूठ बोलने के लिए तैयार नहीं हुई तो उसे मरवाने की साजिशें रची जाने लगीं।
सुमिंद्र ने कहा कि खट्टा सिंह और उसका परिवार बहुत खतरनाक है और उन्हें बड़े राजनेताओं का साथ प्राप्त है, इसलिए यह कुछ भी कर सकता है। सुमिंद्र ने माननीय हाईकोर्ट से अपील की कि खट्टा सिंह का नार्को टेस्ट हो और सच्चाई सामने आए। वहीं उसने माननीय राष्टÑपति रामनाथ कोविंदव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व माननीय हाईकोर्ट से अपील की कि यह भी जांच होनी चाहिए कि एक सामान्य से ड्राइवर के पास इतना पैसा कहां से आया?
खट्टा एवं अन्य 4-5 लोग पैसे के लालच में डेरे को कर रहे हैं बदनाम
सुमिंद्र ने कहा कि खट्टा सिंह व अन्य चार-पाँच लोग डेरे को बदनाम कर रहे हैं और गुरूजी और साध्वियों पर झूठे आरोप लगा रहे हैं, वो सब बेबुनियाद हैं। ये सब झूठ बोल रहे हैं, अगर वहां ऐसा कुछ गलत होता था तो जब खट्टा सिंह 2005 में डेरा छोड़कर गया था, तब उसे साथ क्यूं नहीं लेकर गया। साध्वियां 1987-88 से डेरे में रहती हैं। सुमिंद्र ने कहा कि मीडिया में खट्टा कह रहा है कि डेरा में अनपढ़ लड़कियां रहती है, जिन्हें बहलाया फुसलाया जाता है जोकि पूरी तरह गलत है। वहां रहने वाली साध्वियां पढ़ी-लिखी ग्रेजुएट और अच्छे परिवारों से संबंध रखती हैं। कोई भी साध्वी अपनी मर्जी से जब चाहे अपने घर लौट सकती है। खट्टा सिंह जो कहता है कि वहां डराया धमकाया जाता है कि या फिर लोगों को मार दिया जाता हैं तो वह तो खट्टा सिंह की भांजी थी, उसे क्यों नहीं मारा गया?
अपनी मर्जी से डेरा छोड़ घर आई थी सुमिंद्र
25 अप्रैल 2017 को वह अपनी मर्जी से डेरा छोड़ कर अपने घर अपने गाँव आ गई थी, 25 अगस्त की घटना के बाद खट्टा सिंह ने उसे डेरा एवं गुरू जी पर झूठे आरोप लगाने व मीडिया के सामने आकर उनके खिलाफ गलत बोलने को कहां लेकिन जब उसने ऐसा करने से मना कर दिया तो उसे धमकाया गया लेकिन वह नहीं मानी। फिर उसे पता चला कि वे लोग उसे गायब कराने या हत्या कराने की साजिश करने में लगे हैं ताकि डेरा सच्चा सौदा को ब्लैकमेल कर 20 करोड़ रुपये वसूल सकें। सुमिंद्र को जब खट्टा के इरादों की भनक लगी तो वह वहां से भाग निकली।
बकौल सुमिंद्र ‘‘मैं पिछले डेढ़ महीने से छिपकर-छिपकर बचती फिर रही हूँ। क्योंकि आज के माहौल में कोई भी मेरी बात सुनने या मेरी मदद को तैयार नहीं है। मुझे खट्टा सिंह के लोग मुझे ढूंढते फिर रहे हैं, जो कभी भी और कहीं भी मेरी हत्या कर सकते हैं। मुझे नहीं पता कि मैं इस प्रैस कॉन्फ्रेंस के बाद जिंदा रहूंगी या नहीं। लेकिन उससे पहले मैं कुछ सच्चाईयां मीडिया के माध्यम से देश के जनता तक पहुंचाना चाहती हूँ ताकि मेरे मरने के बाद वो दफन न हो जाएं।’’
एक महीने में तीन लाख की अफीम खाता है खट्टा व उसका बेटा
सुमिंद्र ने बताया कि जब वह डेरे में थी तब उसका नाना यानि खट्टा सिंह का पिता झंडा सिंह उसे डेरा में मिलने गया था। तब उसने बताया था कि खट्टा सिंह जब भी डेरा के बारे में गलत बोलता है, तब इसे काफी लोग बहुत पैसा देते हैं। सुमिंद्र ने आरोप लगाया कि खट्टा सिंह अपने गलत काम छुपाने के लिए डेरे को बदनाम कर रहा है, क्योंकि ये अफीम की तस्करी करता है और 15 दिनों में ये तीनों बाप बेटे डेढ़ लाख रुपये की अफीम खा जाते हैं। जो इन्सान एक महीने में तीन लाख की अफीम खा जाएं, इतना पैसा कहां से आ रहा है। उसने मांग की कि तीनों बाप-बेटों का ब्लॅड टेस्ट होना चाहिए जिससे असलियत सामने आ जाएगी।