समय पर ईलाज नहीं मिलने से नवजात की मौत

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देर रात बिगड़ी थी नवजात की तबीयत

  • चार दिन पहले आॅप्रेशन से पैदा हुआ था लड़का
  • मरीजों के लिए जानलेवा साबित हो रही सेवारत चिकित्सकों की हड़ताल

हनुमानगढ़ (सच कहूँ न्यूज)। अखिल राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ की सरकार से चल रही नाराजगी मरीजों के लिए जानलेवा साबित हो रही है। एक साथ सेवारत चिकित्सकों के हड़ताल पर चले जाने से चिकित्सा तंत्र चरमरा गया है।सोमवार देर रात टाउन के राजकीय जिला चिकित्सालय में चार दिन पहले जन्में नवजात बच्चे की ईलाज न मिलने पर मौत हो गई। परिजनों ने डॉक्टर को ढूंढने के लिए रात को पूरा चिकित्सालय परिसर खंगाल डाला लेकिन उन्हें कहीं से कोई मदद नहीं मिली। आखिरकार…, चार दिन पहले ही धरती पर आए नवजात ने दम तोड़ दिया। बच्चे की मां की भी हालत गंभीर बनी हुई थी। लेकिन मंगलवार दोपहर तक उसकी भी किसी ने सार-संभाल नहीं की।

जानकारी के अनुसार पंजाब के मलोट में ब्याही संगरिया तहसील के गांव हरीपुरा की पंचमी (20) पत्नी नियामत को प्रसव पीड़ा होने पर चार दिन पहले पीहर पक्ष के लोगों ने टाउन के राजकीय जिला चिकित्सालय में भर्ती करवाया। आॅप्रेशन के जरिए डिलीवरी हुई तथा पंचमी ने लड़के को जन्म दिया। सोमवार शाम तक बच्चे की हालत ठीक थी। लेकिन देर रात करीब दो बजे नवजात की हालत बिगड़ने पर परिजनों ने डॉक्टर की तलाश की। लेकिन कोई डॉक्टर नहीं मिला। परिणामस्वरूप ईलाज के अभाव ने नवजात ने दम तोड़ दिया। पंचमी के मौसा जगदीश, सास बिंदिया देवी व मां रानीदेवी ने आरोप लगाया कि चिकित्सकों की हड़ताल के कारण ईलाज न मिलने के कारण नवजात की मौत हो गई जबकि पंचमी की हालत गंभीर बनी हुई है।