देशद्रोह के मामले रद्द करने और जेल में बंद समर्थकों की रिहाई की भी मांग
- पंचकूला हिंसा के मृतकों के आश्रितों को मुआवज़ा और नौकरी की मांग
चंडीगढ़। डेरा प्रेमियों के हक़ में प्रदेश की विधानसभा में जारी सत्र के दौरान आवाज़ उठाई गई। सैशन के दूसरे दिन मंगलवार को गुहला-चीका से भाजपा विधायक कुलवंत बाजीगर ने पंचकूला हिंसा के मृतकों के आश्रितों को नौकरी एवं मुआवजा देने की मांग की। वहीं मीडिया से बातचीत में प्रदेश के खेल एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने इसी मांग को दोहराया और कहा कि जिस प्रकार जाट आंदोलन के दौरान मारे गए लोगों के आश्रितों को नौकरी और मुआवज़ा मिला है उसी तरह पंचकूला हिंसा के पीड़ितों को भी मिलना चाहिए।
बता दें कि सत्र के प्रथम दिन कांग्रेसी नेता एवं सीएलपी लीडर किरण चौधरी ने पंचकूला हिंसा में मारे गए डेरा प्रेमियों के लिए शोक प्रस्ताव लाने की मांगी रखी थी। कांग्रेस के बाद इनैलो ने भी इस प्रस्ताव पर हामी भरी। वहीं सत्र के दूसरे दिन भाजपा के गुहला-चीका से विधायक कुलवंत बाजीगर ने भी सदन में डेरा प्रेमियों के लिए आवाज़ बुलंद की। उन्होंने कहा कि 25 अगस्त को पंचकूला में हुई गोलीबारी गलत थी। उन्होंने पंचकूला में मारे गए लोगों के आश्रितों को मुआवज़ा और सरकारी नौकरी देने की मांग की। उन्होंने कहा कि पंचकूला हिंसा के बाद जिन लोगों पर देशद्रोह का मुकद्दमा दर्ज हुआ है उन्हें रद्द किया जाना चाहिए। वहीं विधायक ने मांग की कि जेलों में बंद डेरा प्रेमियों को तुरंत रिहा किया जाना चाहिए।
हनीप्रीत पर लगे देशद्रोह के आरोप गलत : बाजीगर
विधायक कुलवंत बाजीगर ने विधानसभा में कहा कि हनीप्रीत पर लगे आरोप बेबुनियाद हैं। उन्होंने कहा कि जो संस्था 133 मानवता भलाई का कार्य करती है वो भला किसी को क्या दुख पहुंचाएगी। जो लोग पंचकूला में एकत्र हुए थे वो केवल अपने गुरू के दर्शनों के लिए एकत्र हुए थे, न कि दंगा-फसाद करने के लिए।