न दीप जले न चले पटाखे, डेरा श्रद्धालुओं ने नहीं मनाई दीवाली
- कहा पूज्य गुरू जी के आगमन पर भी मनाएंगे हर त्यौहार
सरसा। डेरा सच्चा सौदा सर्व धर्म संगम की ऐसी मिसाल है जहां हर धर्म का त्यौहार बड़ी ही श्रद्धा और धूमधाम से मनाया जाता रहा है। फिर चाहे होली हो, दीवाली हो, ईद हो या क्रिसमस। लेकिन पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के खिलाफ सुनाए गए फैसले के बाद डेरा सच्चा सौदा के हर श्रद्धालु ने एक भी त्यौहार नहीं मनाया है। गत दिवस बीता दीवाली का त्यौहार भी डेरा श्रद्धालुओं ने काली दीवाली के तौर पर मनाया।
बता दें कि डेरा श्रद्धालुओं के दिलों में अपने मुर्शिद पूज्य संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के लिए अथाह मोहब्बत और आस्था है। जिस कारण वे अपना हर त्यौहार, उत्सव पूज्य गुरू जी के साथ ही मनाते हैं। ऐसे में पूज्य गुरू जी के दिखाए मार्ग पर चलते हुए डेरा श्रद्धालुओं ने गरीब बच्चों, बुजुर्गाें एवं जरूरतमंद लोगों की सहायता तो अवश्य की परंतु न किसी घर में दीप जले न ही किसी घर में पटाखे। वहीं आपस में मिठाई इत्यादि भी नहीं बांटी गई।
हर त्यौहार पर करते हैं जरूरतमंदों की मदद
पूज्य गुरू जी खुद हर त्यौहार पर गरीब एवं जरूरतमंद लोगों की मदद करते हैं। आप जी की प्रेरणा पर डेरा सच्चा सौदा के श्रद्धालु भी हर त्यौहार पर जरूरतमंद लोगों के लिए जरूरत का सामान एवं राशन इत्यादि वितरित करते हैं।
पूज्य गुरू जी के आने पर मनाएंगे सभी त्यौहार
दीवाली का त्यौहार न मनाए जाने पर डेरा श्रद्धालु कहते हैं कि उनके सारे त्यौहार उनके गुरू-मुर्शिद से जुड़े हैं। और जब तक उनके गुरू वापिस नहीं आ जाते वे कोई त्यौहार नहीं मनाएंगे।
बाजारों में दिखी जबरदस्त मंदी
मौजूदा आर्थिक मंदी के पीछे कई कारण गिनाए जा सकते हैं। लेकिन सच यह है कि बाजारों में न तो पहले जैसा उत्साह है न ही त्यौहारों के प्रति पहले जैसी रौनक। डेरा श्रद्धालुओं द्वारा केवल जरूरत का सामान ही खरीदा जा रहा है।