सरसा। डेरा सच्चा सौदा के पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पावन प्रेरणा से किए जा रहे इंसानियत भलाई के कार्यांे में देश के अन्नदाता किसान के मार्ग दर्शन के लिए भी कई कार्य किए जा रहे हैं। इनमें अन्नदाता बचाओ मुहिम के तहत हर माह किसानों को जागरूक करने एवं कृषि संबंधी उनकी मुश्किलों के समाधान के लिए डेरा सच्चा सौदा की ओर से कृषि कैंप लगाए जाते हैं। इनमें कृषि विशेषज्ञों की पूरी टीम किसानों का मार्ग दर्शन करती है। बता दें कि देश की रीढ़ कहे जाने वाले किसान की हालत किसी से छुपी नहीं है।
कृषि के औजारों से लेकर बीज तक सब कुछ तकनीक के कारण अपडेट हो गया है और जमीन की उपजाऊ शक्ति क्षीण होती जा रही है। ऐसे में बढ़ती जनसंख्या के मद्देनज़र किसान पर ज्यादा पैदावार का दबाव है। इन सभी उलझनों बीच किसान को कोई रास्ता नज़र नहीं आता ऐसे में वो कर्जदार होता चला जाता है। किसानों का यह दर्द पूज्य गुरू जी ने समझा, क्योंकि वे खुद एक किसान परिवार से हैं। पूज्य गुरू जी ने अपनी पावन रहनुमाई में तकनीक एवं मेहनत से डेरा सच्चा सौदा के कैंपस में कृषि कौशल का उत्तम नमूना पेश किया है। इस रेतीले इलाके में पूज्य गुरू जी ने हर तरह की फसलें, सब्जियां, फल इत्यादि उगाए हैं। अपने विभिन्न तजुर्बांे का धरातल पर सफल कर पूज्य गुरू जी ने इन्हें दूसरे किसानों के साथ बांटा है।
कृषि मेलों का आयोजन
पूज्य गुुरू जी ने कृषि मेलों का आयोजन भी करवाया है। देश के विभिन्न कोनों से लाखों की संख्या में किसान यहां आते हैं और तकनीक एवं उत्तम बीजों के साथ-साथ कृषि करने के आधुनिक ढंगों की जानकारी प्राप्त करते हैं। इन मेलों से ज्ञान प्राप्त कर देश के हजारों किसानों ने अपनी कृषि आदतों को बदला है और अधिक पैदावार लेने के साथ-साथ जमीन की उपजाऊ शक्ति भी बढ़ाई है।
पानी की बचत पर होता है ज्यादा बल
मेलों में पानी की बचत संबंधी तकनीक भी किसानों के सामने रखी जाती है। यह तकनीक पूज्य गुरू जी द्वारा खुद इजाद की गई है। इस तकनीक के सहारे किसान थोड़े पानी को ही रियूज़ कर कई फसलों के लिए उपयोग कर सकता है। वहीं ड्रिप ऐरिगेशन सिस्टम का भी बेहतर नमूना इन मेलों में पेश किया जाता है इनमें न केवल पानी की बचत संबंधी ज्ञान होता है बल्कि कम खर्च में ज्यादा पैदावार की भी जानकारी होती है।
कृषि विशेषज्ञ करते हैं किसानों की समस्या का हल
वहीं हर माह आयोजित होने वाले कृषि कैंपों में देश-प्रदेश के किसान अपनी समस्याओं का हल कृषि विशेषज्ञों से प्राप्त करते हैं। नि:शुल्क लगने वाले इन कैंपों में किसानों को कम खर्च में ज्यादा पैदावार एवं पानी की बचत सबंधी जानकारी प्रदान की जाती है। वहीं जमीन के लिए सही यूरिया, खाद एवं अच्छी फसल के लिए बीज इत्यादि की भी जानकारी दी जाती है। किसानों में फसलीय चक्र बदलने का रिस्क लेने का भी जनून ये कृषि विशेषज्ञ भरते हैं। रस्मीय प्रणाली के लिए चली आ रही कृषि रवायतों को अब किसान बदलने लगे हैं। इससे न केवल किसानों को आर्थिक फायदा हो रहा है अपितु जमीन की उर्वरता शक्ति भी बनी रहती है।