यह है डेरा सच्चा सौदा की सच्चाई

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भूख से जाने न देंगे कोई भी जिंदगी

  • जरूरतमंद परिवारों के लिए पूज्य गुरू जी ने की थी फूड बैंक की स्थापना

नोएडा। एक दुनिया भूख के बिना, ऐसी दुनिया जहां सारे लोगों को रोटी मिले, ऐसी दुनिया सिर्फ सपना नहीं, बल्कि ये संभव है। इस सपने को हकीकत में बदलने के लिए जुटा हैं डेरा सच्चा सौदा। गरीब, भूखे लाचारों व जरूरतमंद परिवारों पर महापरोपकार करते हुए पूज्य गुरू जी ने फूड बैंक की स्थापना की है जिसके तहत डेरा सच्चा सौदा की साध-संगत अपने-अपने क्षेत्रों में हफ्ते में एक दिन का उपवास रख गरीबों व जरूरतमंद भूखे लोगों को हर माह निवाला उपलब्ध करवा रही है।

क्या दुनिया में ऐसा भी जीव है जो बिना खाना खाए जीवित रह पाता हो, शायद नहीं? यह सच है कि जिंदा रहने, शरीर को स्वस्थ व निरोगी रखने के लिए भोजन बहुत ही जरूरी है लेकिन क्या आप जानते हैं दुनिया में भुखमरी के शिकार जितने लोग हैं, उनमें से एक चौथाई अकेले हिन्दुस्तान में हैं। खुद को उभरती हुई आर्थिक शक्ति मानकर गर्व करने वाले भारत के लिए यह खबर बेहद शर्मनाक है। इस पृथ्वी पर इतना अन्न पैदा होता है कि सभी पेट भरकर खा सकते हैं लेकिन देश व दुनियाभर में हो रही अन्न व अन्य खाद्यान्न की बर्बादी ने बेवजह भूखमरी के हालात पैदा कर दिए हैं।

स्थिति इतनी भयावह है कि एक तरफ तो सरकारी गोदामों में लाखों टन अनाज सड़ रहा है वहीं दूसरी तरफ कई स्थानों पर अन्नदाता खुद अन्न के दाने-दाने को मोहताज हंै। भूख के मारे बच्चे कुपोषण का शिकार हो रहे हैं और यही नहीं गरीबी के चलते पौष्टिक आहार न मिल पाने से गर्भवति महिलाएं तक दम तोड़ रही हैं। भारत में कुपोषण से हो रही मौतों पर संयुक्त राष्ट्र ने भी चिंता जताई है। संयुक्त राष्टÑ का कहना है कि भारत में हर साल कुपोषण के कारण मरने वाले पांच साल से कम उम्र वाले बच्चों की संख्या दस लाख से भी ज्यादा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर इस ओर ध्यान दिया जाए तो इन मौतों को रोका जा सकता है।

वहीं कैग की वर्ष 2012 की रिपोर्ट भी बड़ी ही चौंकाने वाली है। रिपोर्ट के मुताबिक जहां बिहार में लगभग हर बच्चा कुपोषित है वहीं दिल्ली, ओड़िसा व आंध्र प्रदेश में हर दूसरा बच्चा कुपोषित है। इसके अलावा राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, झारखंड में हर पांच में से दो बच्चे कुपोषण का शिकार हैं। उधर कर्नाटक, गुजरात, केरल, वेस्ट बंगाल, त्रिपुरा, पंजाब, तमिनाडू में भी हर तीसरा बच्चा कुपोषित है। कुपोषण के मामले में गुजरात देश में सबसे कुपोषित राज्यों में दसवें स्थान पर है लेकिन अति-कुपोषित के मामले में वो दूसरे स्थान पर है।एक रिपोर्ट के मुताबिक 2014 में दुनिया भर में साढ़े अस्सी करोड़ ऐसे लोग हैं जिनके पास पर्याप्त खाना नहीं है, वहीं करीब दो अरब लोग कुपोषित हैं।