नई दिल्ली । दुनिया की सुपरपावर होने का दावा करने वाली चीन को बोत्सवाना के गुस्से का सामना करना पड़ रहा है। बोत्सवाना ने चीन को साफ-साफ कह दिया है कि वह उसकी धमकियों से डरने वाला नहीं है। बोत्सवाना के राष्ट्रपति इयान खामा ने दो टूक कहा है कि उनका देश चीन का गुलाम नहीं है। हीरों की खानों के लिए मशहूर बोत्सवाना चीन की बार-बार की धौंस से तंग आकर इयान खामा ने कूटनीतिक बातचीत के दौरान ने कहा कि हम चीन की धमकियों से डरते नहीं हैं, और बोत्सवाना चीन की कॉलोनी नहीं है।
बोत्सवाना के राष्ट्रपति इयान खामा ने हाल ही में दलाई लामा के दौरे के विरोध में आई चीन की धमकी के बाद अपना सख्त रुख साफ कर दिया है। बोत्सवाना दुनिया में हीरे के लिए जाना जाता है और यहां की आबादी दो मिलियन से भी कम है।
दरअसल चीन आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा के प्रस्तावित दौरे के लेकर बोत्सवाना को राजनीतिक और कूटनीतिक परिणाम भुगतने की धमकी दे रहा था। दलाई लामा 17-19 अगस्त तक बोत्सवाना की राजधानी गेबोरोनी के दौरे पर जाने वाले थे। दलाई लामा का ये दौरा निजी बताया गया, इसके बावजूद चीन इस दौरे का विरोध कर रहा था।
‘हम आपके गुलाम नहीं हैं’
आंतरिक मामलों में चीन के दखल को देख इयान खामा चिढ़ गए और उन्होंने कहा कि उनका देश चीन का गुलाम नहीं है. पिछले कुछ हफ्तों से दलाई लामा के दौरे को लेकर चीन और बोत्सवाना के बीच राजनयिक तनाव जारी है। दलाई लामा 17 अगस्त से 19 अगस्त तक बोत्सवाना की राजधानर गाबोरोने का दौरा करने वाले थे।
दलाई लामा को लेकर भारत से भी भिड़ा चीन
दलाई लामा को लेकर चीन पहले भारत के साथ भी विवाद बढ़ा चुका है। इस साल अप्रैल के महीन में चीन के विरोध के बावजूद दलाई लामा अरुणाचल प्रदेश पहुंचे। दलाई लामा के दौरे पर गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू ने चीन को नसीहत दी। रिजिजू ने चीन को दो टूक अंदाज में कहा कि वो भारत के आंतरिक मामलों में दखल न दे।
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