योजना ग्राउंड वॉटर अथॉरिटी स्थापित करने के लिए स्वीकृति
चंडीगढ़ (सच कहूँ न्यूज)। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने केंद्र सरकार की इंसैंटीवेशन स्कीम फॉर ब्रिजिंग इरीगेशन गैप लागू करने की प्रक्रिया शुरू करने के अतिरिक्त राज्य के भू-जल की समस्या से निपटने के लिए ग्राउंड वॉटर अथॉरिटी स्थापित करने की सैद्धांतिक स्वीकृति दे दी है।
भू-जल की स्थिति का जायजा लेने और केंद्रीय स्कीम को लागू करने के लिए विचार -विमर्श करने हेतू बुलाई गई एक उच्च स्तरीय मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने पंजाब के 40 प्रतिशत हिस्से के तौर पर 3448 करोड़ रुपए के हिस्से की सहमति दे दी है। इस प्रोजेक्ट की कुल लागत 8658 करोड़ रुपए है। उन्होंने सूबे की सहमति संबंधित आधिकारियों को भारत सरकार के जल संसाधन मंत्रालय को तुरंत भेजने के निर्देश दिए।
सचिवों की कमेटी को मंजूरी
अतिरिक्त मुख्य सचिव विकास एम.पी. सिंह के नेतृत्व में चार सचिवों की एक कमेटी बनाने के लिए स्वीकृति दे दी है जो आई.एस.बी.आई.जी. के लिए एक विस्तृत प्रोजेक्ट तैयार करेगी। इस कमेटी के शेष सदस्यों में प्रमुख सचिव सिंचाई, प्रमुख सचिव विज्ञान एवं प्रौद्यौगिकी, प्रमुख सचिव ग्रामीण विकास एवं पंचायत और प्रमुख सचिव वित्त शामिल हैं।
योजना का मुख्य उद्देश्य
- सिंचाई क्षमता रचना (आई.पी.सी.) और सिंचाई क्षमता प्रयोग (आई.पी.यू) के बीच के अंतर का खत्म करना
- पंजाब में यह प्रोजेक्ट 21 जिलों में 12 नहरों के द्वारा 1249.257 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल को बढ़िया सिंचाई सुविधाएं मुहैया करवाएगा
- सरकार पर बोझ घटेगा
- ट्यूबवैलों के लिए इस्तेमाल की जाती बिजली में कमी आएगी
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