पंजाब सरकार के कैबिनेट मंत्री साधू सिंह धर्मसोत ने किया ऐलान
- जंगली जीवों के साथ-साथ फसलों को सुरक्षित करना मुख्य लक्ष्य
चंडीगढ़ (सच कहूँ न्यूज)। पंजाब सरकार राज्य के किसानों की फसलों के बचाव के लिए जंगली क्षेत्रों में 57.38 किलोमीटर लंबाई की तारबंदी करने का फैसला किया है जिस पर अनुमानित 1212.87 लाख रुपए की लागत आएगी। यह प्रगटावा पंजाब के वन एवं वन्य जीव सुरक्षा मंत्री साधू सिंह धर्मसोत ने किया।
उन्होंने बताया कि जंगली जीव सुरक्षा एक्ट -1972 के लागू होने बाद में सूबे में नील गाय, जंगली सूअर और सांबर आदि जातियों की आबादी में विस्तार हुआ है। जंगली जीवों और मानव के इस संघर्ष में वन्य सेंचुरी के पास के गांवों के किसानों को दिन और रात दौरान अपनी फसल की लगातार निगरानी करने के लिए मजबूर होना पड़ता है। उन्होंने कहा कि पटियाला जिले में यह बड़ी समस्या आई क्योंकि यहाँ 6 वन्य सेंचुरी हैं। इसके फलस्वरूप जिला पटियाला की वन्य सेंचुरी की तारबंदी करने का फैसला किया गया है।
यहा खर्ची जाएगी राशि
पटियाला मंडल में पड़ते बीड़ भोरे अगोल, मालियां खेड़ी, बहादरगढ़, छोटी भुन्नरहेड़ी, खेड़ी गुज्जरां और बीड़ मीरांपुर और गोगपुर वन क्षेत्रों की तारबंदी के प्रोजेक्ट पर उपरोक्त अनुमानित रकम खर्ची जायेगी। जिला होशियारपुर की तक्खनी रहमा पुर वन्य सेंचुरी में 1.347 किलोमीटर के दायरे में सोलर तारबंदी लगाई गई है।
इतनी दूरी तक होगी तारबंदी
धर्मसोत ने बताया कि पटियाला जिले में बीड़ भोरे अगोल में 300 लाख की लागत के साथ 15.60 किलोमीटर मालियां खेड़ी, बहादरगढ़, छोटी भुन्नरहेड़ी, खेड़ी गुज्जरां के जंगली क्षेत्रों में 356.87 लाख की लागत के साथ 16.22 किलोमीटर और गोगपुर वन क्षेत्र में 556 लाख की लागत के साथ 25.56 किलोमीटर में तारबंदी की जाएगी। धर्मसोत ने बताया कि पटियाला जिले बीड़ भादसों, बीड़ भुनरहेड़ी, बीड़ मोती बाग, बीड़ गुरदयालपुरा और बीड़ दोसांझ के 3464.75 हेक्टेयर क्षेत्र में कुल 57.30 किलोमीटर लंबाई क्षेत्र में तारबंदी की गई है।
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