नई दिल्ली। मेडिकल पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने की प्रतीक्षा कर रहे तमिलनाडु के कुछ छात्रों ने यथाशीघ्र काउंसलिंग शुरू करने का राज्य सरकार को निर्देश देने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जिस पर वीरवार को सुनवाई होगी। वरिष्ठ वकील नलिनी चिदंबरम ने शीर्ष अदालत के समक्ष मामले का विशेष उल्लेख किया, जिसने वीरवार को सुनवाई के लिए हामी भर दी।
प्रश्न पत्र के विभिन्न भाषाओं में होने से काउंसलिंग में देरी
तमिल और गुजराती भाषा में परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों ने संबंधित उच्च न्यायालयों में याचिका दायर करके राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) 2017 को यह कहते हुए रद्द करने का अनुरोध किया है कि उनके प्रश्न पत्र हिन्दी और अंग्रेजी भाषा के प्रश्नपत्रों की तुलना में कठिन थे। इसके कारण काउंसलिंग में देरी हो रही है। मद्रास उच्च न्यायालय ने गत 24 मई को नीट 2017 की प्रवेश प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी, लेकिन शीर्ष अदालत ने प्रवेश एवं काउंसलिंग को ध्यान में रखते हुए उच्च न्यायालय के फैसले पर स्थगनादेश जारी किया था।
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