शिमला। हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही बारिश की वजह से मंडी-पठानकोट नेशनल हाईवे पर शनिवार रात हुई लैंडस्लाइड की चपेट में 2 बस आ गईं। इस हादसे में 30 लोगों की मौत की आशंका है। अभी तक 10 बाॅडी बरामद हो गई हैं। खाई में गिरीं दोनों बसों में से एक मलबे में दबी है। रेस्क्यु किया जा रहा है। अधिकारियों ने बताया कि भूस्खलन जोगिंदरनगर तहसील में कोटरोपी गांव के पास मंडी-पठानकोट राजमार्ग पर शनिवार देर रात करीब 12.20 बजे हुआ, जिसमें हिमाचल सड़क परिवहन निगम की दो बसें, कुछ निजी वाहन और कई घर जमींदोज हो गए।
स्थानीय अधिकारियों, भारतीय सेना और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल द्वारा जांच और बचाव अभियान जारी है। अब तक पांच लोगों को बचाया जा चुका है और उन्हें मंडी के स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है। राज्य के ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर जीएस बाली का कहना है कि मौत का आंकड़ा 50 तक हो सकता है। उधर, उत्तराखंड में भी लैंडस्लाइड की घटनाओं 3 लोगों की मौत हो गई। इनके अलावा उत्तर प्रदेश, बिहार, असम, बंगाल मेघालय में भी बारिश-बाढ़ की वजह से जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।
मोदी ने दिया हर संभव मदद का भरोसा
घटना पर नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी ने हादसे में मारे गए लोगों के प्रति शोक जताया है। हादसे के बाद पीएम ने ट्वीट किया कि एनडीआरएफ की टीम मौके पर रवाना हो रही है। हर संभव मदद की जाएगी।
- न्यूज एजेंसी के मुताबिक, स्पेशल सेक्रेटरी (डिजास्टर) डीडी शर्मा ने कहा कि एक बस मनाली से कटरा और दूसरी मनाली से चंबा जा रही थीं। रास्ते में चाय-नाश्ते के लिए इन्हें कोत्रुपी में रोका गया था। उसी वक्त लैंडस्लाइड हुई, जिससे रोड समेत दोनों बसें करीब 800 मीटर नीचे खाई में चली गईं।
- इनमें से एक बस अभी भी पूरी तरह मलबे में दबी हुई है।
- बताया जा रहा है कि मलबे में दबी बस में 30-40 यात्री थे। इनके बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं मिल सकी है।
- आला अफसर मौके पर पहुंच गए हैं। आर्मी और एनडीआरएफ की टीमें मलबे को हटाने में जुटी हैं।
हिमाचल में ऐसा तीसरा हादसा
हिमाचल में ऐसा यह तीसरा हादसा है। 1988 में शिमला के मटियाना में एक बस लैंडस्लाइड में दब गई थी, जिसमें 45 लोगों की मौत हुई थी। 1994 में कुल्लू के लुग्गर हाटी में भी ऐसा ही हादसा हुआ था, जिसमें 42 लोगों की मौत हुई थी।
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