इंट्रा-स्टेट व्हीलिंग शुल्क, क्रॉस सब्सिडी शुल्क या ट्रांसमिशन तथा वितरण शुल्कों में छूट
चण्डीगढ़ (ब्यूरो)। हरियाणा सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए प्रदेश में सौर ऊर्जा संयंत्रों से उत्पन्न होने वाली बिजली पर इंट्रा-स्टेट व्हीलिंग शुल्क, क्रॉस सब्सिडी शुल्क या ट्रांसमिशन तथा वितरण शुल्कों में छूट दी है। जिससे साफ हो गया है कि अब सौर ऊर्जा अपनी मर्ज़ी से राज्य के अंदर खरीदी बेची जा सकती है। इस संबंध में जानकारी देते हुए नव एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया कि अब कोई भी निवेशक, जिसने राज्य में किसी भी स्थान पर सौर ऊर्जा का संयंत्र स्थापित किया है, वह बिना इन भुगतानों को दिए अपनी आपसी सहमति टैरिफ के साथ प्रदेश के भीतर किसी भी निजी इकाई को सौर ऊर्जा बेच सकता है।
उन्होंने कहा कि एक मेगावाट के ग्राउंड माऊंटेड सौर ऊर्जा परियोजना को स्थापित करने के लिए पांच एकड़ भूमि की आवश्यकता होती है और इस पर लगभग पांच करोड़ रुपए का खर्च आता है। उन्होंने बताया कि उत्पादित सौर ऊर्जा हरियाणा पावर खरीद केन्द्र द्वारा प्रतिस्पार्धात्मक बोलियों पर निविदाएं आमंत्रित करते हुए टैरिफ को अंतिम रूप देते हुए खरीदी जाती है। प्रवक्ता ने बताया कि अब निवेशक बिना किस व्हीलिंग और ट्रांसमिशन शुल्क का भुगतान किए थर्ड पार्टी के साथ बिजली खरीद समझौता के साथ राज्य में आ सकता है जिससे राज्य में सौर बिजली परियोजनाओं में और अधिक आकर्षण बढ़ेगा।
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