जम्मू-कश्मीर पुलिस का दावा, अमरनाथ यात्रियों पर हमले के पीछे था लश्कर
श्रीनगर। अमरनाथ यात्रियों पर हुए आतंकी हमले के मामले को सुलझाने में जम्मू-कश्मीर पुलिस को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। पुलिस ने बताया कि हमले में लश्कर का हाथ है। इस मामले में 3 आतंकियों को गिरफ्तार किया गया है, लेकिन मास्टर माइंड अबू इस्माइल और उसके दो साथियों की तलाश अभी जारी है। गिरफ्तार आतंकियों में 2 पाकिस्तानी और और 1 कश्मीरी है। जबकि 3 आतंकी अभी भी गिरफ्त से बाहर हैं। पुलिस का दावा है कि उन्हें भी जल्द ही पकड़ लिया जाएगा। पुलिस महानिरीक्षक मुनीर खान ने बताया कि इन लोगों ने हमला करने वाले लश्करे तैयबा के चार आतंकवादियों को साजोसामान की मदद मुहैया कराई थी जिसमें आठ व्यक्ति मारे गए थे।
जानकारी अनुसार, आतंकियों का प्लान पहले 9 जुलाई को इस हमले को अंजाम देने का था, लेकिन सीआरपीएफ या यात्रियों का कोई वाहन नहीं मिलने पर उन्हें अपने प्लान में फेरबदल करना पड़ा और बाद में उन्होंने अगले दिन 10 जुलाई को इस हमले को अंजाम दिया।
इससे पहले दक्षिण कश्मीर पुलिस ने इस संबंध में ओवर ग्राउंड वर्कर्स के पूरे जत्थे को गिरफ्तार किया। पुलिस इन्हें बिना हथियार वाले आतंकी बता रही है। इस हमले का मास्टर माइंड अबु इस्माइल सहित हमले में शामिल लश्कर-ए-तैयबा के तीन आतंकी अब भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं। सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए लश्कर कमांडर अबु दुजाना के बाद अबु इस्माइल को ही लश्कर की कमान सौंपी गई है।
पहले जुटा फंड, कोर्ड वर्ड्स का करते थे इस्तेमाल
सूत्रों ने बताया कि इन आतंकियों ने ही अमरनाथ यात्रियों पर हमले के लिए फंड की व्यवस्था की थी। उन्होंने बताया कि कॉल डीटेल्स की छानबीन से ये ओवर ग्राउंड वर्कस पुलिस के हत्थे चढ़े। ये आपसी बातचीत में कोर्ड वर्ड्स का इस्तेमाल करते थे, वहीं पुलिस से बचने के लिए ये आतंकी आसपास के घरों या फिर नालियों में छुप जाया करते थे।
नोटबंदी में बैंकलूट में शामिल था अबु
बताया जा रहा है कि पाकिस्तानी आतंकी अबु इस्माइल करीब तीन साल पहले सीमा पार कर कश्मीर आया था। वह पंपोर इलाके में कई आतंकी वारदातों को अंजाम देता रहा है। वहीं नोटबंदी के बाद कश्मीर घाटी में बैंक और एटीएम लूट की वारदातों के पीछे अबु इस्माइल का ही हाथ बताया जाता है।
सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश किया जाएगा। तीनों आरोपियों ने सभी बातों का खुलासा कर दिया है। आतंकियों ने यात्री वाहन के लिए ‘शौकत’, और सीआरपीएफ वाहन के लिए ‘बिलाल’ कोड वर्ड दिया।
– मुनीर खान, आइजी।
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