नई दिल्ली। चीन के साथ चल रहे डोकलाम विवाद के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इशारों में चीन को घेरा है। नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि मुश्किल मुद्दों, विवादों को सिर्फ बातचीत के रास्ते ही सुलझाया जा सकता है। उन्होंने खुद को प्राचीन भारत की परंपरा में यकीन करने वाला बताया। मोदी ने कहा कि ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ‘यह एक पुरानी भारतीय अवधारणा है जिसमें संवाद और बहस पर विचारों के आदान-प्रदान के मॉडल को अपनाया गया है। जिसमें किसी भी मुद्दे को बातचीत के जरिए हल किया जाता था।’
‘संवाद-ग्लोबल इनिशिएटिव ऑन कॉन्फ्लिक्ट अवॉयडेंस एंड एंटरटेनमेंट कॉन्शियसनेस’ कार्यक्रम को वीडियो मैसेज के जरिए संबोधित करते हुए पीएम ने कहा, “21वीं सदी में दुनिया के सभी देश एक-दूसरे से जुड़े हुए और एक-दूसरे पर निर्भर हैं। फिर भी यह सदी आतंकवाद और जलवायु परिवर्तन (climate change) जैसी वैश्विक चुनौतियों का सामना कर रही है। मुझे भरोसा है कि इसका हल एशिया की सबसे पुरानी बातचीत और चर्चा की परंपरा से ही निकलेगा।”
भारत-चीन के बीच सिक्किम में सीमा विवाद
गौरतलब है कि भारत-चीन के बीच सिक्किम में सीमा विवाद काफी बढ़ चुका है। चीन, भूटान के डोकलाम में सड़क बना रहा है और भारत ने इसका जोरदार विरोध कर रहा है।
भूटान का डोकलाम पठार भारत (सिक्किम), चीन, भूटान के ट्राइजंक्शन पर है। डोकलाम को चीन डोंगलांग कहता है। इस इलाके में चीन की दखलंदाजी और सड़क बनाकर अपनी स्थिति मजबूत करने से भारत और भूटान को परेशानी है।
मोदी ने कहा, “तर्क शास्त्र (डिबेट) प्राचीन भारत का ही कॉन्सेप्ट है, बातचीत और चर्चा के जरिये इसे पाया गया और यह विवादों को खत्म करने और विचारों को एक-दूसरे से साझा करने का मॉडल बना।”
– “भारत में मानवता का लंबा इतिहास रहा है, कई धर्मों, सभ्यताओं और अध्यात्म में इसकी गहरी जड़ें हैं। इसके रास्ते ही हमनें कई सवालों के जवाब खोजे हैं।”
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