कोलकाता: चीन-भारत के बीच सिक्किम के डोकलाम एरिया को लेकर विवाद जारी है। इस बीच, बीजिंग ने अपने तेवर अब कुछ नरम किए हैं। चीन के कॉन्सुल-जनरल मा झानवू ने कहा है, बॉर्डर पर शांति और धैर्य बनाए रखना दोनों देशों के लिए अहम है और हमें आपसी हितों पर फोकस करना चाहिए। झानवू ने ये भी कहा, चीन-भारत का रिश्ता भाई-बहन (China India Relationship) की तरह है, इसलिए मतभेद तो होंगे ही, लेकिन हमारे आपसी हित ज्यादा महत्वपूर्ण हैं।
चीन ने भारत को दी थी धमकी | China India Relationship
- हमने अभी तक बॉर्डर मसले पर सद्भावना ही दिखाई है, लेकिन ये संयम हमारी बॉटम लाइन है, भारत इसे कमजोरी न समझे।
- गुओकियांग ने यह भी कहा, “हम क्षेत्र में शांति चाहते हैं लेकिन इसे गलत तरीके से नहीं लिया जाना चाहिए।
- भारत को भ्रम पैदा करने से बचना चाहिए।
- किसी भी देश को चीनी सेना को कमतर नहीं समझना चाहिए।
- हमारी आर्मी सॉवेरीनटी (संप्रभुता), सिक्युरिटी बनाए रखने में कैपेबल है।
बिना शर्त हटने से भारत का इनकार | China India Relationship
- भारत ने डोकलाम से अपनी सेनाएं बिना शर्त वापस बुलाने की चीन की मांग ठुकरा दी है।
- चीन के सरकारी न्यूज पेपर पीपुल्स डेली के एक रिपोर्टर के सवाल पर इंडियन फॉरेन मिनिस्ट्री के स्पोक्सपर्सन गोपाल बागले ने ये जवाब दिया।
- बागले ने कहा हमने डोकलाम मसले पर अपना नजरिया और रास्ता खोजने के तरीके को चीन के सामने साफ कर दिया है।
- सीमा के मसले को निपटाने के लिए दोनों देशों के बीच पहले से एक सिस्टम बना हुआ है
- मौजूदा विवाद को लेकर भी हमें उसी दिशा में आगे बढ़ना होगा।
- इंटरनेशनल कम्युनिटी ने इस बात का सपोर्ट किया है कि इस मुद्दे का हल बातचीत से होना चाहिए।
- हमने इंटरनेशनल लेवल पर अपने नजरिए को साफ कर दिया है।
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