पीड़ित किसानों ने प्रदेश सरकार को ठहराया जिम्मेदार
कहा, सरकार को करने चाहिए पानी निकासी के उचित प्रबंध
सनौर(वरिन्दर बल्लू)। पिछले दो दिनों से लगातार हो रही बरसात ने सनौर इलाके में फसलों का बड़े स्तर पर नुकसान किया है। इन दिनों में सनौर इलाके में मिर्च,घीया और कद्दू की सब्जी का सीजन पूरे जोरों पर है परंतु लगातार हुई बरसात ने जहां सब्जी की फसल को नुकसान पहुंचाया है वहीं हरे चारे की फसल भी पूरी तरह से पानी में डूब गई है।
सनौर इलाके में सबसे अधिक नुकसान सनौर से नूरखेड़ियां और चौरा रोड के साथ लगती जमीनों में हुआ है। इस मौके हुई बातचीत दौरान किसान रुपिन्दर सिंह जोशन और सोनी सिंह ने बताया कि किसानों को पहले तो सब्जी का सही रेट ही नहीं मिलता अब यदि रेट कुछ ठीक हुए थे तो कुदरत की मार पड़ गई। उन्होंने बताया कि हमने पांच एकड़ के करीब तोरई की फसल की पैदावार की हुई थी जो कि अब पूरी तरह से पानी में डूब कर बर्बाद हो चुकी है।
फसल के हुए इस नुकसान संबंधी प्रदेश सरकार को जिम्मेदार मानते हुए किसानों ने कहा लगभग हर साल ही बरसात इस इलाके में फसलों का नुकसान करती है परंतु सरकार इस बारे में कोई ठोस कदम नहीं उठाती।
किसानों ने की 20 हजार प्रति एकड़ मुआवजे की मांग
फसलों के हुए नुकसान के बारे में किसानों की ओर से पंजाब सरकार से प्रति एकड़ बीस हजार रुपए मुआवजा की मांग की गई है ताकि पहले ही मंदी की मार बर्दाश्त कर रहे किसानों को बारिश के कारण हुए नुकसान की भरपाई की जा सके।
निकासी का रास्ता कम
किसानों ने कहा कि पिछले समय दौरान इस इलाके में बनी नई सड़कों को ऊंचा उठा कर बनाया गया था और संबंधित विभाग की ओर से बरसाती पानी के लिए रास्तों का निर्माण किया गया था जो कि एरिया के मुकाबले बहुत कम हैं, पानी कम निकलने से फसलों का नुकसान होता है।
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