जम्मू: टेरर फंडिंग केस (Terror Funding Case) की जांच कर रही नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी यानी NIA ने रविवार को हुर्रियत कॉन्फ्रेंस से जुड़े अहम ठिकानों पर छापे मारे। NIA ने जम्मू-कश्मीर पीस फोरम के चेयरमैन देविंदर सिंह बहल से पूछताछ की। देर शाम उसे गिरफ्तार कर लिया। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, बहल हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के चीफ अली शाह गिलानी का करीबी है और इसके लीगल सेल में भी है।
NIA को क्या शक? | Terror Funding Case
- जांच एजेंसी को शक है कि बहल हुर्रियत नेताओं के लिए कूरियर का काम करता है।
- उसके पाकिस्तान में बैठे हुर्रियत के दूसरे आकाओं से भी रिश्ते हो सकते हैं।
- अलगाववादी नेता और डेमोक्रेटिक फ्रीडम पार्टी के चेयरमैन शब्बीर शाह को NIA ने गिरफ्तार किया था।
- बाद में कोर्ट ने उसे सात दिन के लिए ईडी की कस्टडी में भेज दिया था।
- शब्बीर पर भी टेरर फंडिंग में शामिल होने का आरोप है।
- वो काफी समय से हाउस अरेस्ट में था।
- बाद में उसे अरेस्ट किया गया।
7 लोग पहले ही शिकंजे में | Terror Funding Case
NIA ने 24 जुलाई को टेरर फंडिंग केस (Terror Funding Case) में कश्मीर के 7 अलगाववादी नेताओं को अरेस्ट किया था। इनमें बिट्टा कराटे, नईम खान, अल्ताफ अहमद शाह (अल्ताफ फंटूश), अयाज अकबर, टी. सैफुल्लाह, मेराज कलवल और शहीद-उल-इस्लाम शामिल हैं। अल्ताफ हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के प्रमुख सैयद अली शाह गिलानी का दामाद है।
स्टिंग ऑपरेशन में हुआ था खुलासा | Terror Funding Case
- एक न्यूज चैनल ने 16 मई को एक स्टिंग ऑपरेशन ब्रॉडकास्ट किया था।
- जिसमें कश्मीर के अलगाववादियों को पाकिस्तान के आतंकी गुटों से पैसे मिलने की बात का खुलासा हुआ था।
- इसके बाद 19 मई को एनआईए ने इन अलगाववादी नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया था और प्रिलिमिनरी इन्क्वायरी शुरू की थी।
- हुर्रियत नेता नईम खान को स्टिंग ऑपरेशन में लश्कर से पैसे लेने की बात कबूल करते दिखाया गया था।
- पाकिस्तान से आने वाला पैसा सैकड़ों करोड़ से ज्यादा है, लेकिन हम और ज्यादा की उम्मीद करते हैं।
- हालांकि बाद में खान ने स्टिंग को फर्जी करार दिया था।
- एनआईए की तरफ से कार्रवाई शुरू होने के बाद हुर्रियत कॉन्फ्रेंस ने नईम खान को सस्पेंड कर दिया था।
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