नई दिल्ली(एजेंसी)। कानून मंत्रालय का कहना है कि जिन सरकारी विभागों के खिलाफ अदालतों में मामले चल रहे हैं उनमें रेल मंत्रालय सबसे आगे है क्योंकि देश भर की अदालतों में लंबित 66,000 से अधिक मामलों में वह पक्षकार है। कानून मंत्रालय के जून 2017 के एक दस्तावेज के अनुसार, सरकारी याचिकाएं सेवा संबंधी मामलों से लेकर निजी पक्षकारों के साथ विवादों और दो सरकारी विभागों के बीच विवादों तथा सार्वजनिक क्षेत्र के दो उपक्रमों के बीच विवाद से संबंधित हैं।
वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़े
लीगल इन्फॉर्मेशन मैनेजमेंट एंड ब्रीफिंग सिस्टम वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों का हवाला देते हुए दस्तावेज में कहा गया है कि 12 जून की स्थिति के अनुसार, अदालतों में सरकार या उसके अधिकारियों के खिलाफ 1,35,060 सरकारी मामले और 369 अवमानना के मामले लंबित हैं।
रेलवे में सर्वाधिक 66,685 मामले लंबित हैं। इनमें से 10,464 मामले तो दस साल से अधिक समय से लंबित हैं। सरकारी विभागों में सबसे कम, तीन मामले पंचायती राज मंत्रालय में लंबित हैं।
दस्तावेजों में स्पष्ट किया गया है कि चूंकि एलआईएमबीएस एक ‘डायनेमिक वेबसाइट’ है इसलिए आंकड़े लगातार बदल रहे हैं। रेल मंत्रालय के बाद वित्त मंत्रालय में 15,646 मामले लंबित हैं। संचार मंत्रालय के 12,621 मामले अदालतों में लंबित हैं। दस्तावेज में कहा गया है कि गृह मंत्रालय 11,600 लंबित मामलों के साथ चौथे स्थान पर है।
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