रेलमंत्री का दावा: हर साल नौ लाख टन कार्बन उत्सर्जन और 21 हजार लीटर डीजल की होगी बचत
नई दिल्ली (एजेंसी)। भारतीय रेलवे सभी यात्री गाड़ियों में कोच की विद्युत आवश्यकता को सौर ऊर्जा से पूरा करने की योजना पर जल्द ही शुरू करेगी जिससे हर साल करोड़ों रुपए का र्इंधन व्यय बचेगा। रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने यहां सफदरजंग रेलवे स्टेशन पर देश की सौर ऊर्जा युक्त पहली डीएमयू रेलगाड़ी का शुभारंभ करने के अवसर पर संवाददाताओं से बातचीत में यह जानकारी दी। उन्होंने सौर ऊर्जा युक्त रेलगाड़ी को भारतीय रेलवे की विकास यात्रा में महत्वपूर्ण मील का पत्थर करार देते हुए कहा कि जलवायु परिवर्तन एवं वैश्विक तापमान बढ़ने की चुनौती से निपटने में इस प्रकार के कदम बेहद कारगर हैं।
प्रत्येक कोच से हर साल करीब नौ लाख टन कार्बन उत्सर्जन
सौर ऊर्जा के प्रयोग से प्रत्येक कोच से हर साल करीब नौ लाख टन कार्बन उत्सर्जन और 21 हजार लीटर डीजल की बचत होगी। प्रभु ने कहा कि भारतीय रेलवे सभी ट्रेनों में कोच के ऊपर सौर पैनल लगाने का काम जल्द ही शुरू करेगी ताकि कोच में पंखे एवं प्रकाश के लिए बिजली सौर पैनल से मिलेगी। उन्होंने कहा कि डीएमयू के कोचों में बैटरियां लगाई गई हैं, जो वर्षा एवं सर्दी के मौसम में भी ऊर्जा की आपूर्ति करेंगी।
चेन्नई की इंटीग्रल कोच फैक्टरी में निर्मित इस छह कोच वाले रैक को उत्तर रेलवे के शकूरबस्ती वर्कशॉप में सौर पैनलों से सुसज्जित किया गया है। हर कोच पर 16-16 सौर पैनल लगाए गए हैं , जिनकी कुल क्षमता 4.5 किलोवाट होगी। हर कोच में 120 एएच क्षमता की बैटरियां लगी होंगी जिससे रात में एवं खराब मौसम में भी गाड़ी की विद्युत आवश्यकताओं की पूर्ति हो सकेगी। इससे पहले कालका-शिमला टॉय ट्रेन में भी सौर पैनल लगाए गए हैं।
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